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सजा के ऐलान के बाद आया पीड़िता के माता-पिता का पहला रिएक्शन, कहा- मुआवजा नहीं, न्याय चाहिए

आरजी कार हत्याकांड की पीड़िता के परिवार ने सोमवार को सियालदह अदालत के न्यायाधीश से कहा कि वे अपनी बेटी के लिए न्याय चाहते हैं, मुआवजा नहीं। अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार को उन्हें ₹17 लाख का मुआवजा देने का निर्देश दिया। एएनआई ने पीड़ित के परिवार के सदस्यों के हवाले से कहा कि हमें मुआवजा नहीं चाहिए, हम न्याय चाहते हैं। सरकारी अस्पताल में ऑन-ड्यूटी डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अदालत ने मुख्य आरोपी संजय रॉय को अब तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सियालदह में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास की अदालत ने शनिवार को रॉय को पिछले साल 9 अगस्त को अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के खिलाफ किए गए अपराध के लिए दोषी ठहराया था, जिसके बाद देश भर में अभूतपूर्व और लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुआ था।

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सियालदह की अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने शनिवार को रॉय को पिछले वर्ष नौ अगस्त को अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के खिलाफ किये गए जघन्य अपराध के मामले में दोषी ठहराया था। इस घटना के बाद पूरे देश में अभूतपूर्व और लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुए थे। न्यायाधीश दास ने दोषी को मृत्युदंड न देने के औचित्य के रूप में कहा कि अपराध दुर्लभतम में से दुर्लभतम श्रेणी में नहीं आता है। जिससे दोषी को मृत्युदंड दिया जा सके। रॉय को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64 (बलात्कार), 66 (मृत्यु का कारण बनने की सजा) और 103 (1) (हत्या) के तहत दोषी ठहराया गया था। 

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न्यायाधीश ने कहा कि धारा 64 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा रही है और 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जा रहा है। न्यायाधीश ने कहा कि जुर्माना अदा न करने पर पांच महीने अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। अदालत ने कहा कि धारा 103(1) के तहत रॉय को आजीवन कारावास और 50,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई जाती है और जुर्माना नहीं देने पर उसे पांच महीने अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। न्यायाधीश ने फैसले में कहा कि इसके अतिरिक्त धारा 66 के तहत भी उसे आजीवन कारावास की सजा दी जाती है। 

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