भारतीय महिलाएं हर क्षेत्र में नेतृत्व करते हुए आगे बढ़ रही हैं। खासतौर पर अब वह सैन्य बलों में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभा रही हैं। सेना, वायुसेना और नौसेना में महिलाएं अब पहले की अपेक्षा ज्यादा प्रभावी भूमिका में हैं। अब तो दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में भी महिला कैप्टन की तैनाती हो गयी है। हम आपको बता दें कि सेना की इंजीनियर कोर की कैप्टन शिवा चौहान को सियाचिन ग्लेशियर में अग्रिम पंक्ति की चौकी में तैनात किया गया है। दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में किसी महिला सेना अधिकारी की यह इस तरह की पहली अभियानगत तैनाती है। सेना के अधिकारियों ने बताया कि महिला अधिकारी को सोमवार को सियाचिन में लगभग 15,600 फुट की ऊंचाई पर स्थित कुमार चौकी में तीन महीने के लिए तैनात किया गया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कैप्टन शिवा चौहान को अपनी शुभकामनाएं दीं और कहा कि वह अधिक महिलाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होते हुए एवं उन्हें हर चुनौती को अपनाते हुए देखकर खुश हैं। उन्होंने ट्वीट किया, “शानदार समाचार! सशस्त्र बलों में और अधिक महिलाओं को शामिल होते देख और उन्हें हर चुनौती का डटकर सामना करते हुए देखकर मैं बेहद खुश हूं। यह एक उत्साहजनक संकेत है। कैप्टन शिवा चौहान को मेरी शुभकामनाएं।”
उधर, सेना ने कहा है कि कैप्टन शिवा चौहान दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में अभियानगत रूप से तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई हैं। सेना ने एक बयान में कहा, “भारतीय सेना के लिए यह गर्व का क्षण था जब कैप्टन शिवा चौहान अन्य कर्मियों के साथ सियाचिन बैटल स्कूल में एक महीने के कठिन प्रशिक्षण के बाद दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में अभियानगत रूप से तैनात होने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं।”
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हम आपको बता दें कि राजस्थान निवासी कैप्टन शिवा चौहान एक ‘बंगाल सैपर’ अधिकारी हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा उदयपुर से पूरी की है और एनजेआर प्रौद्योगिकी संस्थान, उदयपुर से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। जब वह 11 साल की थीं तो उनके पिता का निधन हो गया था। उनकी माँ ने उनकी पढ़ाई का ध्यान रखा। उनके मन में बचपन से ही भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होने की इच्छा थी और अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए), चेन्नई में प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने अद्वितीय जोश दिखाया तथा मई 2021 में उन्हें इंजीनियर रेजिमेंट में नियुक्त किया गया।
अधिकारियों ने कहा कि महिला अधिकारी को सियाचिन बैटल स्कूल में कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जहां उन्होंने भारतीय सेना के पुरुष कर्मियों के साथ प्रशिक्षण लिया। इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, “विभिन्न चुनौतियों के बावजूद, कैप्टन शिवा ने पूरी प्रतिबद्धता के साथ सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा किया और सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र में जाने के लिए तैयार हो गईं।” सेना ने कहा कि कैप्टन शिवा चौहान के नेतृत्व में सैपर्स की टीम कई युद्ध इंजीनियरिंग कार्यों के लिए जिम्मेदार होगी और तीन महीने की अवधि के लिए चौकी में तैनात रहेंगी।
हम आपको यह भी बता दें कि कारकोरम रेंज में लगभग 20,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर को दुनिया के सबसे ऊंचे सैन्यीकृत क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, जहां सैनिकों को भीषण ठंड और तेज हवाओं से जूझना पड़ता है। कैप्टन शिवा के शौर्य और जज्बे को हर भारतीय का सलाम। उल्लेखनीय है कि विगत में, महिला अधिकारियों को यूनिट के साथ उनकी नियमित पदस्थापना के हिस्से के रूप में लगभग 9,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित सियाचिन आधार शिविर में तैनात किया गया है।