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Nagaland में पहली बार निकाय चुनावों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण, मतदान हुआ पूरा

एस.ई.सी. के एक अधिकारी ने बताया कि नागालैंड में बुधवार सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 25 नगर निकायों के लिए मतदान हुआ पूर्वोत्तर राज्य में यह ऐतिहासिक चुनाव था क्योंकि 20 वर्षों के अंतराल के बाद तीन नगर पालिकाओं और 22 नगर परिषदों के लिए मतदान हुआ। नागालैंड राज्य चुनाव आयोग के अधिकारी ने बताया कि शहरी स्थानीय निकाय चुनाव पहली बार 33 प्रतिशत महिला आरक्षण के साथ हो रहे हैं।
 

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सरकार ने पहले भी कई बार शहरी स्थानीय निकायों के चुनावों की घोषणा की थी, लेकिन आदिवासी निकायों और नागरिक समाज संगठनों द्वारा महिलाओं के लिए आरक्षण और भूमि एवं संपत्तियों पर कर के खिलाफ आपत्तियों के कारण चुनाव स्थगित कर दिए गए थे। मतदान सुबह 7.30 बजे शुरू हुआ और शाम 4 बजे तक चला
एस.ई.सी. अधिकारियों ने बताया, “मतदान अब तक शांतिपूर्ण रहा है। चुनाव के लिए सुरक्षा बढ़ा दी गई है।” 1,13,521 महिलाओं सहित 2.23 लाख से अधिक मतदाता 11 राजनीतिक दलों के 523 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि ईवीएम के बजाय 420 मतदान केंद्रों पर मतपत्रों के माध्यम से मतदान कराया जा रहा है।

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पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) ने फैसला किया है कि क्षेत्र के छह जिले चुनाव में भाग नहीं लेंगे। ईएनपीओ, छह पूर्वी जिलों में रहने वाली सात नागा जनजातियों का शीर्ष निकाय है, जो ‘सीमांत नागालैंड क्षेत्र’ की मांग कर रहा है, उनका दावा है कि इस क्षेत्र को वर्षों से उपेक्षित किया गया है। ईएनपीओ क्षेत्र में 14 नगर परिषद हैं। क्षेत्र से 59 नामांकन स्वीकार किए गए थे, लेकिन आदिवासी निकायों ने उम्मीदवारों को अपने नामांकन वापस लेने के लिए मजबूर किया। ईएनपीओ ने राज्य की एकमात्र सीट के लिए 19 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव में भी भाग नहीं लिया।

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