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विदेशी महिलाओं पर चढ़ा भारतीय संस्कृति का असर, श्राद्ध के दौरान दादा-दादी और नाना-नानी का जैसलमेर में किया तर्पण

भारत की विदेशी संस्कृति का असर विदेशियों पर गहरा होने लगा है। वृंदावन मथुरा में आमतौर पर विदेशी लोगों कृष्ण भक्ति में रंगीन नज़र आते हैं। वहीं अब जैसलमेर आने वाली विदेशी सैलानियों पर भी भारतीय संस्कृति का प्रभाव पड़ा है।
 
कई विदेशी सैलानी भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर इसे अपनाने लगे हैं। इसी का ताजा उदाहरण जैसलमेर में ही देखने को मिला है जब फ्रांस की 17 महिला टूरिस्ट ने दिवंगत परिजनों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध और तर्पण भी किया। महिलाओं के इस ग्रुप में जैसलमेर के अष्टांग योग केंद्र में योग करने के बाद गड़ीसर झील में श्राद्ध तर्पण किया। बता दे कि फ्रांस से महिला पर्यटकों का यह दल बीते सात या आठ दिनों से जैसलमेर में घूम रहा है। इस दौरान महिलाओं का यह दल हिंदू संस्कृति से खासा प्रभावित हुआ।
 
महिलाओं का कहना है कि बीते 3 वर्षों से वह लगातार योग से काफी प्रभावित है और फ्रांस में भी योग करती है। महिलाओं के मुताबिक योग करने से उनके जीवन में कई सकारात्मक सुधार आए हैं। इसी बीच जैसलमेर के टूर के दौरान उन्हें श्राद्ध के संबंध में जानकारी हासिल हुई। उन्होंने स्थानीय पंडित से श्रद्धा के बारे में पूछा और फिर अपने दादा-दादी और नाना नानी का श्राद्ध करने की इच्छा जताई। महिलाओं ने गड़ीसर झील पर सनातन रीति रिवाज के अनुसार दिवंगतों से आशीर्वाद मांगा और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
 
रीति रिवाज जानने के बाद महिलाओं ने थी तर्पण किया। जानकारी के मुताबिक महिलाओं ने श्राद्ध करने के बाद काफी भावुक महसूस किया हालांकि उनका मन भी शांत हो गया। बता दे की सभी महिलाओं ने सनातन धर्म के अनुसार ही मंत्र और रीति रिवाज के साथ पूरी तर्पण विधि को किया है। 

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