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सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान से भटके बाघ की तलाश में रेवाड़ी के जंगल पहुंचीं वन विभाग की टीमें

राजस्थान की वन विभाग की टीमों ने 15 अगस्त को खैरथल-तिजारा जिले में चार ग्रामीणों पर हमला करने वाले बाघ की तलाश का दायरा सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान से हरियाणा के रेवाड़ी के जंगलों तक बढ़ा दिया है।

सरिस्का रेंज के वन अधिकारी सीताराम मीणा ने बताया कि हरियाणा के रेवाड़ी जिले के अंतर्गत आने वाले झाबुआ वन क्षेत्र में बाघ के पैरों के निशान दिखने के बाद वन विभाग की पांच से सात टीमें वहां डेरा डाले हुए हैं।

मीणा ने कहा, (वन विभाग की) पांच-सात टीमें हरियाणा के झाबुआ वन क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं, जहां बाघ के पैरों के निशान देखे गए हैं। जंगल घना है, इसलिए बाघ को बेसुध करना और जाल में फंसाना मुश्किल है। हमने ग्रामीणों और प्रशासन को बाघ की गतिविधि के बारे में सचेत कर दिया है

बाघ को पकड़ने के प्रयास जारी हैं।
बाघ ‘एसटी 2303’ ने बृहस्पतिवार को खैरथल-तिजारा जिले के दरबारपुर गांव में खेतों में घुसकर चार ग्रामीणों पर हमला कर दिया था। इस हमले में एक ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गया था।

अधिकारियों के मुताबिक, “बाघ ने पहले मुंडावर में अपने घर की ओर जा रहे एक व्यक्ति को निशाना बनाया। इसके बाद वह दरबारपुर गांव पहुंचा, जहां उसने चार ग्रामीणों पर हमला कर दिया। अब उसके भटककर हरियाणा स्थित रेवाड़ी के जंगलों में चले जाने का अंदेशा है।

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