Breaking News

केरल के पूर्व मुख्यमंत्री लोकप्रिय थे क्योंकि उन तक आसानी से पहुंचा जा सकता था: राज्यपाल खान

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने रविवार को कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और दिवंगत कांग्रेस नेता ओमान चांडी राज्य के लोगों के बीच इसलिए लोकप्रिय थे क्योंकि वह सभी के लिए आसानी से उपलब्ध थे और वह जनता की भलाई के प्रति संवेदनशील थे।
खान ने कहा कि जिस स्नेह से लोग चांडी को याद करते हैं, वह उनकी नेतृत्व शैली का गहरा प्रभाव दिखाता है जिसने अन्य लोगों को भी प्रेरित किया।
राज्यपाल ने केरल के पूर्व मुख्यमंत्री को मरणोपरांत न्यायमूर्ति वी. आर. कृष्ण अय्यर पुरस्कार से सम्मानित करने के बाद यह बयान दिया। चांडी इस वर्ष अपनी मृत्यु तक लगातार 53 वर्षों तक पुथुपल्ली विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे।
लीगल असिस्टेंट एंड वेलफेयर (लॉ) ट्रस्ट द्वारा यहां आयोजित पुरस्कार समारोह में राज्यपाल ने कहा, उनका प्रशंसित जीवन दर्शाता है कि दुनिया पर अपनी छाप छोड़ने का एकमात्र तरीका है कि अपने जीवन को उस उद्देश्य को समर्पित कर दिया जाए जिसे वे खुद से बड़ा मानते हैं।

खान ने चांडी के मुख्यमंत्री कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा, लोगों की सभी प्रकार की समस्याओं को धैर्यपूर्वक सुनने और उन्हें हल करने के लिए तुरंत निर्णय लेने के उनके असाधारण गुण के लिए जनता समेत राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने भी सराहना की।
राज्यपाल ने न्यायमूर्ति अय्यर के योगदान को भी याद करते हुए कहा कि न्यायमूर्ति अय्यर आबादी के हाशिए पर मौजूद वर्गों के लिए संवेदनशील थे और हमेशा मुद्दों को व्यावहारिक तथा मानवतावादी दृष्टिकोण के साथ संभालते थे।
खान ने कहा, कानून और राजनीति में अपने करियर के दौरान, उन्होंने अपने भाषणों और कार्यों में सच्चाई के साथ मानवीय स्वतंत्रता की सीमाओं को व्यापक बनाने का ईमानदारी से प्रयास किया।
उन्होंने कहा, उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति के रूप में भारत की न्यायिक प्रणाली में लोकतांत्रिक संवेदनशीलता, सामाजिक पहल की भावना और परिप्रेक्ष्य की एक नयी भावना लाने की कोशिश की।

राज्यपाल ने वर्ष 1986 में शाहबानो मामले के दौरान न्यायमूर्ति अय्यर के समर्थन और मार्गदर्शन के लिए भी उनका आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि जस्टिस अय्यर ने शाह बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए लाए गए संसदीय कानून को न केवल न्याय की हत्या बताया बल्कि उन्होंने इसके हानिकारक राजनीतिक परिणामों के बारे में भी चेतावनी दी थी।
खान ने कहा, न्यायाधीश वी आर कृष्णा अय्यर ने 28 फरवरी, 1986 को तत्कालीन प्रधानमंत्री (राजीव गांधी) को एक कड़ा विरोध पत्र लिखा था।
उन्होंने कहा कि चांडी और न्यायमूर्ति दोनों ने उन उद्देश्यों के लिए जीवन जीया जिन्हें वे अपने से बड़ा मानते थे।
उन्होंने कहा, वे दूसरों के लिए जीते थे, वे दूसरों का भला करने में विश्वास करते थे और इसलिए उनकी स्मृतियों का हमेशा सम्मान किया जाएगा।

Loading

Back
Messenger