महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख भ्रष्टाचार के एक मामले में लगभग 13 महीने जेल में बिताने के बाद बुधवार को मुंबई जेल से रिहा हो गए। अनिल देशमुख को 12 घंटे से अधिक के मैराथन पूछताछ सत्र के बाद 2 नवंबर, 2021 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किया गया था। दरअसल भ्रष्टाचार के मामले में जमानत आदेश पर रोक लगाने से बॉम्बे हाईकोर्ट के इनकार के बाद महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को जेल से रिहा कर दिया गया।
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100 करोड़ की वसूली का मामला
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए महाराष्ट्र के गृहमंत्री के कथित कदाचार की सीबीआई से ‘पूर्वाग्रह रहित, अप्रभावित, निष्पक्ष और स्वतंत्र’ जांच कराने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया था। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है, ‘‘याचिकाकर्ता ने साक्ष्यों को नष्ट कर दिये जाने से पहले, महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के कदाचार की पूर्वाग्रह रहित, अप्रभावित, निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराने का इस अदालत से अनुरोध करते हुए रिट अधिकारक्षेत्र का सहारा लिया।’’ सिंह ने आरोप लगाया है, ‘‘देशमुख ने अपने आवास पर फरवरी 2021 में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अनदेखी करते हुए अपराध खुफिया इकाई, मुंबई के सचिन वाजे और समाज सेवा शाखा, मुंबई के एसीपी संजय पाटिल सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की तथा उन्हें हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का लक्ष्य दिया था। साथ ही, विभिन्न प्रतिष्ठानों एवं अन्य स्रोतों से भी उगाही करने का निर्देश दिया था।