फ्रांसीसी अंतरिक्ष यात्री थॉमस पेस्केट ने सोमवार को कहा कि बाहरी अंतरिक्ष का अन्वेषण करने और मानव जाति के लिए इसके अविश्वसनीय लाभ प्राप्त करने के वास्ते किसी भारतीय अंतरिक्ष यात्री के साथ अंतरिक्ष में जाना उनका सपना है।
भारतीय अंतरिक्ष संघ (आईएसपीए) द्वारा आयोजित भारतीय अंतरिक्ष सम्मेलन को संबोधित करते हुएपेस्केट ने दो अलग-अलग मिशन के दौरान अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अपने साल भर के प्रवास को भी याद किया और पृथ्वी की रक्षा करने की जरूरत पर बल दिया, जो बाहरी अंतरिक्ष से नाजुक दिखती है।
उन्होंने कहा, “भारत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करने के कगार पर है- गगनयान मिशन जिसका लक्ष्य मनुष्यों को अंतरिक्ष में भेजना है- यह बेहद प्रभावशाली है।”
पेस्केट ने कहा, मेरा एक नया सपना है कि एक दिन किसी भारतीय अंतरिक्ष यात्री के साथ उड़ान भरूं और इस सहयोग को बाहरी अंतरिक्ष में ले जाऊं तथा अंतरिक्ष अन्वेषण के अविश्वसनीय लाभों को हमारे देशों में वापस लाऊं।
उन्होंने 2016-17 और 2021 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर छह-छह महीने बिताए थे। उन्होंने पेरिस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी और मानव अंतरिक्ष उड़ान शुरू करने के महत्व को साझा किया था।
सम्मेलन में आईएसपीए ने अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए ‘फ्रेंच एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज एसोसिएशन’, जीआईएफएएस के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। आईएसपीए अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक संगठन है।
अंतरिक्ष क्षेत्र में 60 वर्षों के सहयोग के बाद, भारत और फ्रांस अब इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए संबंधित उद्योग को प्रोत्साहित कर रहे हैं। इसके साथ ही यूरोपीय देश अगले तीन वर्षों में पुन: इस्तेमाल होने वाला छोटा प्रक्षेपक प्रक्षेपित करने की योजना बना रहा है।
सम्मेलन में भारत में फ्रांस के नामित राजदूत थिएरी मथौ ने कहा, “हमने भारतीय और फ्रांसीसी निजी क्षेत्रों के बीच मजबूत सहयोग को प्रोत्साहित करना शुरू कर दिया है। तेजी से बदलते आर्थिक माहौल के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए हमें और भी बहुत कुछ करने की जरूरत है।