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दिल्ली में नतीजों से पहले फुल ड्रामा, ACB ने केजरीवाल को थमाया नोटिस, इन 5 सवालों के मांगे हैं जवाब

राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को जबरदस्त राजनीतिक ड्रामा सामने आया जब भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) की एक टीम आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल के 5, फिरोजशाह रोड स्थित आवास पर पहुंची। जांच का आदेश दिल्ली विधानसभा के वोटों की गिनती से ठीक एक दिन पहले दिया गया था, जिसके लिए 5 फरवरी को चुनाव हुआ था। एसीबी ने अरविंद केजरीवाल को कानूनी नोटिस देकर उनके उन आरोपों के बारे में विवरण और सबूत मांगे हैं, जिनमें उन्होंने कहा था कि भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणामों से पहले उनकी पार्टी के उम्मीदवारों की खरीद-फरोख्त का प्रयास किया। 
 

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एसीबी ने नोटिस में कहा कि दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा, जीएनसीटी आम आदमी पार्टी के विधायकों को रिश्वत की पेशकश के आरोपों की जांच कर रही है। ये आरोप बेहद गंभीर हैं और इसलिए मामले में सच्चाई स्थापित करने के लिए एसीबी की तत्काल जांच और हस्तक्षेप की आवश्यकता है। इसलिए, आपसे अनुरोध है कि आप निम्नलिखित जानकारी प्रदान करने के लिए आज यानी 07.02.2025 को किसी भी सुविधाजनक समय पर उपलब्ध रहें। 

1- विभिन्न मीडिया/सोशल मीडिया मंचों पर आपके और आपकी पार्टी के सदस्यों द्वारा लगाए गए खरीद-फरोख्त के दावे/आरोपों का समर्थन करने के लिए सबूत प्रदान करें।
2- केजरीवाल से यह बताने के लिए भी कहा गया है कि ऐसे आरोप फैलाने वालों पर दिल्ली के लोगों में ‘‘दहशत और अशांति’’ पैदा करने के लिए मुकदमा क्यों नहीं चलाया जाना चाहिए।
3- क्या आप ट्वीट की सामग्री से सहमत हैं कि आपकी पार्टी के 16 विधायक उम्मीदवारों को रिश्वत की पेशकश की गई है?
4- एमएलए के उन 16 उम्मीदवारों का विवरण जिन्हें कथित रिश्वत की पेशकश के संबंध में फोन कॉल आए।
5- कथित रिश्वत की पेशकश के संबंध में उपरोक्त विधायकों से संपर्क करने वाले फोन नंबरों/व्यक्तियों का विवरण।
 

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हालांकि, आप ने एसीबी की कार्रवाई की कड़ी आलोचना की और इसे चुनाव परिणामों से पहले पार्टी को डराने का प्रयास बताया। आम आदमी पार्टी के विधि प्रकोष्ठ के प्रमुख संजीव नसियार ने कहा कि एसीबी के पास कोई कानूनी नोटिस नहीं था और वे सिर्फ केजरीवाल के घर के बाहर बैठे रहे क्योंकि उन्हें नहीं पता कि क्या करना है। नसियार ने दावा किया, ‘‘पहले तो उनके पास कोई कानूनी नोटिस नहीं था। डेढ़ घंटे बाद उन्होंने हमें नोटिस थमाया। यह पूरा नाटक उपराज्यपाल कार्यालय ने भाजपा के साथ मिलकर किया है। अधिकारी दबाव में थे।’’ सिंह ने आरोप लगाया कि 16 से ज्यादा आप उम्मीदवारों से संपर्क कर उन्हें पार्टी से अलग करने की कोशिश की गई है। 

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