केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने शनिवार को कहा कि जी-20 शिक्षा कार्य समूह (ईडब्ल्यूजी) की बैठकों के जरिये तकनीकी शिक्षा, कौशल और अनुसंधान को मजबूत करने और नवाचार को बढ़ावा देने के क्षेत्रों में दुनियाभर से कुछ बेहतर पद्धतियों को साझा करने में मदद मिली है।
देवी आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (एफएलएन) पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘‘ईडब्ल्यूजी बैठकों ने तकनीकी शिक्षा, कौशल और अनुसंधान को मजबूत करने और नवाचार को बढ़ावा देने के क्षेत्रों में दुनियाभर से कुछ सर्वोत्तम पद्धतियों को साझा करने में मदद की है।’’
उन्होंने शिक्षा, एफएलएन, डिजिटल पहल, अनुसंधान और कौशल विकास में सर्वोत्तम पद्धतियों को प्रदर्शित करने वाली मल्टीमीडिया प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।प्रदर्शनी में गूगल, यूनिसेफ, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारतीय ज्ञान प्रणाली प्रभाग, स्टार्टअप और सभी राज्य सरकारों सहित 100 से अधिक प्रदर्शकों ने भाग लिया।
यह प्रदर्शनी 22 जून तक स्थानीय संस्थानों, छात्रों, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं के लिए खुली रहेगी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित ईडब्ल्यूजी कार्यक्रम के बाद 22 जून को जी-20 देशों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक होगी।
महाराष्ट्र के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा, ‘‘बहुभाषावाद वह कुंजी है जो हमें हमारी दुनिया की बढ़ती विविधता के माध्यम से सशक्त बनाती है और हमारी युवा पीढ़ी को इस बहुभाषी दुनिया में सही रास्ता चुनने का कौशल सिखाने की आवश्यकता है।’’
जी-20 शिक्षा कार्य समूह की पहली बैठक जनवरी में चेन्नई में हुई थी, इसके बाद मार्च में अमृतसर में और तीसरी अप्रैल में भुवनेश्वर में हुई थी।