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विकसित देशों की रफ्तार होगी धीमी, उभरते बाजार तेजी से बढ़ेंगे: G-20 Sherpa Amitabh Kant

भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने रविवार को कहा कि विभिन्न चुनौतियों से जूझ रही दुनिया को फिर से परिभाषित करने एवं उसे नया आकार देने में भारत जी-20 कीअध्यक्षता के दौरान अहम भूमिका निभाएगा।
पिछले 10 सालों के रुझानों की चर्चा करते हुए कांत ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि विकसित देशों के विकास की रफ्तार घटेगी, जबकि उभरते बाजार तेजी से आगे बढेंगे, इसलिए विकसित देशों से संसाधान विकासशील देशों में आना चाहिए, ताकि उभरते बाजारों में सुधार हो।

जी-20 वैश्विक जीडीपी के करीब 85 फीसद हिस्से, वैश्विक व्यापार के 75 फीसद से अधिक हिस्से तथा वैश्विक जनसंख्या के दो तिहाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है।
दुनिया के समक्ष मौजूद चुनौतियां गिनाते हुए कांत ने कहा कि इसमें (चुनौतियों में) मंदी शामिल है जो विकास को प्रभावित करेगी, 75 देश वैश्विक ऋण के जाल में फंस जायेंगे, लाखों लोग बेरोजगार हो जायेंगे, लाखों लोग गरीबी रेखा के नीचे आ जायेंगे।

कांत ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘इन सभी के सिलसिले में जी-20 द्वारा तीव्र कार्रवाई किये जाने की जरुरत है और जब जी-20 कदम उठाता है तो बहुपक्षीय संस्थान कदम उठाता है। इसलिए, भारत दुनिया को फिर से परिभाषित करने एवं उसे नया आकार प्रदान करने में कई तरह से इस मौके का उपयोग करेगा। यही बात है जो हम जी-20 की अध्यक्षता के मार्फत करने का प्रयास करेंगे।’’

यहां भारत की अध्यक्षता में संपन्न जी-20 शेरपाओं (अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में राष्ट्राध्यक्षों के निजी प्रतिनिधि) की दूसरी बैठक के अगले दिन कांत ने कहा, ‘‘कर्नाटक के हंपी में तीसरी बैठक तक हम नेताओं के बयान का मसौदा तैयार करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि जी-20 एक ऐसा मंच है, जहां आर्थिक वृद्धि, आर्थिक विकास, वित्तीय प्रगति और विकास जरूरतों से जुड़े बड़े मुद्दों पर चर्चा होगी।

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