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गजेंद्र सिंह शेखावत ने नई एनडीए की सरकार में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया है। कार्यभार ग्रहण करने के बाद शेखावत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘विकसित भारत’ बनाने में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय अपने योगदान के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदीजी को तीसरी बार प्रधानमंत्री का सौभाग्य मिला है। यह देश के मतदाताओं का विवेकपूर्ण निर्णय है। गजेंद्र सिंह शेखावत राजस्थान की जोधपुर लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार जीतकर संसद में पहुँचे हैं। मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में उन्हें जलशक्ति मंत्रालय जैसे महत्त्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
गजेंद्र सिंह शेखावत का जन्म 3 अक्टूबर, 1967 को राजस्थान के जैसलमेर जिले के मेहरोली नामक गांव में हुआ। पिता का नाम शंकर सिंह शेखावत और माता का नाम मोहन सिंह कँवर था। उनके पिता सरकारी अफसर के पद से रिटायर्ड थे। अफसर होने के कारण उनके पिता का अलग अलग स्थान पर ट्रांसफर होता रहता था और इसी कारण गजेंद्र सिंह शेखावत को अलग अलग स्थानों पर जाकर शिक्षा पाने का अवसर मिला। अलग-अलग स्थानों की संस्कृति, रहन सहन को समझने व जानने का भरपूर अवसर मिला। शेखावत की राजनीतिक यात्रा रोचक रही है। वे विद्यार्थी जीवन से ही छात्र राजनीति में सक्रीय रहे हैं। उन्हीं दिनों शेखावत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् और आरएसएस से भी जुड़े।
वह स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक और राजस्थान में सीमा क्षेत्र में विकास के लिए काम करने वाले संगठन सीमा जन कल्याण समिति के महासचिव भी रह चुके है। भारत पाकिस्तान सीमा पर 40 विद्यालय और 4 छात्रावास खुलवाने में उनकी भी भूमिका रही है। इसके अलावा शेखावत ने पाकिस्तान से आएं हिन्दू शरणार्थियों को फिर से अपने वतन में बसाने को लेकर अपने विद्यार्थी जीवन से ही संघर्ष किया है। वर्ष 1992 में जोधपुर विश्वविद्यालय से छात्र संघ का चुनाव भी लड़ा था, जिसमें उनकी जीत हुई थी। छात्र जीवन में ही वे भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गए थे।
इसके बावजूद गजेंद्र सिंह शेखावत बाद के समय में राजनीति से किनारा कर लिया था और वर्ष 1994 में व्यापार करने के उद्देश्य से अफ्रीका का एक पूर्वी देश इथोपिया चले गए। वहां जाकर उन्होंने वहां की जमीनों को खरीदा और उन्हीं जमीनों पर खेती करना आरम्भ कर दिया। लेकिन उनके मन में राजनीति बसी हुई थी। इसलिए उनकी राजनीति वाली इच्छा ने उन्हें फिर से स्वदेश लौटने को विवश किया। बीस वर्ष के बाद 2014 में गजेंद्र सिंह भारत लौट आये और भारत लौटते ही उन्हें भारतीय जनता पार्टी से पूर्व का रिश्ता काम आया और उन्हें 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए टिकट मिल गया।
विदेश से वापस अपने देश लौटने के बाद वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर जोधपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा अपनी पहली जीत पक्की की। वर्ष 2017 में उन्हें कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री का पद दिया गया। साल 2019 में हुए 17वीं लोकसभा चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें ही फिर टिकट दिया और पार्टी का विश्वास बनाये रखते हुए इस बार शेखावत एक बार फिर अच्छे मतों से जीत हासिल करने में सफल रहे। उन्होंने तात्कालिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को 2.74 लाख के भारी मतों से पराजित किया। पहली जीत के बाद जहाँ उन्हें मोदी सरकार में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री बनाया गया था। तो दूसरी जीत के बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। और उन्हें केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय दिया गया है। उनकी प्रमुख उपलब्धियों में जोधपुर हवाई अड्डा का विस्तार और सीमावर्ती क्षेत्रों में विद्यालयों की संख्या में वृद्धि कराना है।