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त्योहारों के सीजन की शुरुआत होते ही जहां कमर्शियल वेबसाइटों पर कई तरह के ऑफर्स देखने को मिल रहे है। वहीं इस दौरान ऑनलाइन फ्रॉड के मामले भी बढ़ गए है। ईकॉमर्स वेबसाइटों पर ग्राहकों के साथ फर्जीवाड़ा करने वाले एक ऐसे ही गिरोह का पर्दाफाश हुआ है।
पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि दिल्ली पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों पर फर्जी कंपनियां बनाने और ई-कॉमर्स वेबसाइट पर लीड बनाकर थोक विक्रेताओं को धोखा देने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले पर डीसीपी (उत्तर) मनोज कुमार मीणा ने कहा कि उन्हें राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) के माध्यम से उत्तरी जिले के साइबर पुलिस स्टेशन में संदीप कुमार की शिकायत मिली। इस शिकायत में कहाग या कि वह फैंसी फर्नीचर का थोक विक्रेता है। उसने अपने बिजनेस को बढ़ाने के उद्देश्य से खुद को ऑनलाइन साइट इंडियामार्ट पर रजिस्टर कराया है।
डीसीपी का कहना है कि शिकायत के बाद जांच में इंडिया मार्ट के जरिए अप्रैल 2023 में पुलिस को बड़ी मात्रा में लैपटॉप टेबल और स्टूल के लिए रिमांड को लेकर अहम सुराग मिला। उपलब्ध मोबाइल नंबर पर संपर्क करने पर एक व्यक्ति ने 3 लाख रुपये के लैपटॉप टेबल और स्टूल के लिए ऑर्डर दिया। ऑर्डर प्लेस करने वाले युवक ने खुद को फ़िरोज़ के रूप में पेश किया और फ़िरोज़ एंटरप्राइजेज का मालिक होने का दावा किया गया।
शिकायतकर्ता ने फिरोज एंटरप्राइजेज के नाम से खोले गए सदर बाजार कार्यालय में सामान की आपूर्ति की। पीड़ित को विश्वास दिलाने के लिए भुगतान किया गया और पेटीएम की नकली रसीदें भी दिखाई गई ताकि खरीददारी के संबंध में पीड़ित भरोसा करे। कुछ समय बाद, जब भुगतान की गई राशि उसे बैंक खाते में नहीं दिखी तो उसने कार्यालय से संपर्क किया, लेकिन यह देखकर हैरान रह गया कि वहां रखा सभी सामान गायब था और आरोपी फरार हो गया था।
फर्जीवाड़ा होने के बाद पीड़ित व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दी और मामला दर्ज करवाया। मामला दर्ज होने के बाद आरोपियों की पहचान करने और आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया। जांच के दौरान उपलब्ध मोबाइल नंबरों का विस्तृत कॉल रिकॉर्ड और डेट का विश्लेषण किया गया। जांच में सामने आया कि सभी दस्तावेज, मोबाइल नंबर फर्जी थे। “इसके अलावा, आरोपियों ने इन नंबरों से किसी अन्य नंबर पर कॉल नहीं की। सभी कॉल सिर्फ पीड़ित के नंबर पर हुई थी। पुलिस ने इन फर्जी मोबाइल नंबरों की आईएमईआई निकाली। इसके बाद पुलिस को निहाल विहार स्थित एक आरोपी नूर मोहम्मद का पता चला।
इस मामले में स्थानीय खुफिया स्त्रोतों से पता चला कि आरोपी निहाल विहार के डी ब्लॉक में है। मगर घटना स्थल पर पहुंचे पर ये जगह भी खाली मिली। उसके बाद टीम ने अधिक जानकारी हासिल कर निहाल विहार के एक ब्लॉक में आरोपी की तलाश शुरू की। इस दौरान हेड कांस्टेबल सोनिका ने संदिग्ध की पहचान करने के लिए खुद को एक कूरियर डिलीवरी एजेंट के रूप में पेश किया। इस मामले में पुलिस ने नूर मोहम्मद को पकड़ने में सफलता पाई। नूर मोहम्मद की पहचान पर ही उसके दो साथियों 25 वर्षीय मनीष सैमसन और 44 वर्षीय धर्मवीर को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उनका गैंग थोक विक्रेताओं को धोखा देने का काम करता था।