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Himanta Biswa Sarma पर बरसे गौरव गोगोई, कहा- अपने राजनीतिक हित के लिए पूर्वोत्तर की अखंडता का त्याग कर दिया

मणिपुर हिंसा को लेकर राजनीति जबरदस्त तरीके से जारी है। मणिपुर में पिछले 2 महीने से ज्यादा वक्त से हिंसा हो रही है। लगातार हिंसा की खबरें आती रही हैं। संसद में भी मणिपुर पर संग्राम मचा हुआ है। इन सबके बीच कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति पूर्वोत्तर के अन्य हिस्सों में फैल रही है और अगर मणिपुर के सीएम को पहले महीने में ही अपने पद से इस्तीफा देने के लिए कहा जाता तो यह इतना हिंसक मोड़ नहीं लेता। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रधानमंत्री मणिपुर के मुख्यमंत्री का लगातार समर्थन कर रहे हैं, जिससे हालात और खराब हो गए हैं। 
 

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गौरव गोगोई ने कहा कि अब, पूरा पूर्वोत्तर एक विभाजित क्षेत्र बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि एनईडीए निष्क्रिय हो गया है, यह नॉर्थ ईस्ट डिवाइड अलायंस बन गया है, जिसके प्रमुख – असम के सीएम – ट्विटर पर व्यस्त हैं, लेकिन उन्होंने अपने राजनीतिक हित के लिए, पूर्वोत्तर की अखंडता का त्याग कर दिया है, पूर्वोत्तर में मौजूद भाईचारे का त्याग कर दिया है। हिमंत बिस्वा सरमा पर हमला जारी रखत हुए गोगोई ने कहा कि अपने लंबे सीवी में उन्होंने काफी बदलाव किए हैं। उन्होंने पार्टियां बदलीं, राजनीतिक गुरु बदले। एक दिन वह कांग्रेस हैं, दूसरे दिन वह भाजपा हैं। दो साल बाद शायद वह बीजेपी को भी नहीं रखेंगे। यही उसका चरित्र है, वह बदलता रहेगा। ये मत सोचिए कि बीजेपी में स्थिर हैं। एक दिन वह बीजेपी को भी बदल देंगे। 
 

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असम के मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा कि अपने पिछले बायो में, मैंने असम, भारत का उल्लेख किया था। हालाँकि, इंडियन नेशनल कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी तक की अपनी यात्रा के बाद मैं इसे अपडेट करना भूल गया। उन्होंने कहा कि अब, मैंने गर्व से अपना बायो बदलकर असम, भारत कर लिया है। कांग्रेस के कुछ मित्र मुझसे पूछ रहे हैं कि मैंने अपना बायो क्यों बदला। मुझे आशा है कि यह स्पष्टीकरण उन्हें संतुष्ट करेगा। वहीं, अपने पहले ट्वीट में हमारा सभ्यतागत संघर्ष इंडिया और भारत के इर्द-गिर्द केंद्रित है। अंग्रेजों ने हमारे देश का नाम इंडिया रखा। हमें खुद को औपनिवेशिक विरासतों से मुक्त करने का प्रयास करना चाहिए। हमारे पूर्वज भारत के लिए लड़े और हम भारत के लिए काम करते रहेंगे। 

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