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Gaurav Gogoi ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर असम के पत्रकार की गिरफ्तारी की जांच की मांग की

गुवाहाटी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से एक पत्रकार को गिरफ्तार करने में असम पुलिस की शक्तियों के दुरुपयोग के आरोपों की जांच कराए जाने का आग्रह किया है। यह पत्रकार एक सरकारी बैंक में कथित वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ प्रदर्शन को कवर कर रहा था। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में ‘असम कोऑपरेटिव एपेक्स बैंक लिमिटेड’ (एसीएबी) में कथित वित्तीय घोटाले की भी स्वतंत्र जांच कराए जाने की मांग की।
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा इस बैंक के निदेशकों में से एक हैं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक विश्वजीत फूकन इसके चेयरमैन हैं। वरिष्ठ पत्रकार दिलवर हुसैन मजूमदार को गुवाहाटी पुलिस ने मंगलवार आधी रात और फिर बृहस्पतिवार सुबह को क्रमश: एक बैंक कर्मचारी और उसके प्रबंध निदेशक द्वारा दर्ज कराए गए दो मामलों के सिलसिले में गिरफ्तार किया। उन्हें दोनों मामलों में जमानत मिल गई है।
 

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गोगोई ने पत्र में कहा, ‘‘पत्रकार दिलवर हुसैन मजूमदार की मनमाने तरीके से गिरफ्तारी के संबंध में पुलिस की शक्तियों के दुरुपयोग को लेकर अवश्य जांच कराई जानी चाहिए, ताकि जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके। प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करना और जनहित के मामलों पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों को गलत तरीके से निशाना बनाए जाने से रोकना भी जरूरी है।’’
गौरव गोगोई ने रविवार को मीडिया को उपलब्ध कराए गए 28 मार्च को लिखे पत्र में कहा है कि यह मुद्दा केवल एक पत्रकार का मामला नहीं है, क्योंकि यह देश के लोकतंत्र, वित्तीय संस्थानों की पारदर्शिता और संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा पर प्रहार करता है। जोरहाट के सांसद ने प्रधानमंत्री को लिखा, ‘‘न्याय सुनिश्चित करने, जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने और हमारी संस्थाओं में जनता का विश्वास बहाल करने के लिए आपका तत्काल हस्तक्षेप महत्वपूर्ण है।’’
 

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‘गुवाहाटी प्रेस क्लब’ के सहायक महासचिव मजूमदार को सबसे पहले मंगलवार आधी रात को गुवाहाटी पुलिस ने एक बैंक कर्मचारी द्वारा दर्ज कराए गए मामले के सिलसिले में उस समय गिरफ्तार किया था, जब वह ‘असम कोऑपरेटिव एपेक्स बैंक लिमिटेड’ में कथित वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ प्रदर्शन को कवर करने गए थे। इस मामले में मजूमदार को बुधवार को जमानत दे दी गई थी, लेकिन अगले दिन बैंक के प्रबंध निदेशक द्वारा दर्ज कराए गए दूसरे मामले में उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। पत्रकार पर बैंक के मूल्यवान दस्तावेज चुराने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया।
डिजिटल पोर्टल ‘द क्रॉस करंट’ के मुख्य संवाददाता को दूसरे मामले में शुक्रवार को जमानत मिल गई और कानूनी औपचारिकताओं के बाद उन्हें शनिवार को न्यायिक हिरासत से रिहा कर दिया गया। गोगोई ने कहा, ‘‘जब बैंक के प्रबंध निदेशक डोमब्रू (डंबारू) सैकिया से ‘बाइट’ देने को कहा गया, तो पत्रकार को परिसर के अंदर बुलाया गया, लेकिन इसके बाद जो हुआ वह बेहद चिंताजनक है। बाद में उन्हें बिना किसी औचित्य के पान बाजार थाना पुलिस ने हिरासत में ले लिया।’’ उन्होंने पत्र में लिखा कि उनकी गिरफ्तारी का आधार शुरू में जाति-आधारित अपशब्दों के इस्तेमाल के ‘‘झूठे आरोप’’ थे, लेकिन मजिस्ट्रेट ने सूचना देने वाले के बयान में ऐसे आरोपों का कोई सबूत नहीं पाया, जिससे ये आरोप खारिज हो गए।

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