राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रविवार को दौसा की प्रस्तावित यात्रा का राजनीतिकरण कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 12 फरवरी को दौसा में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के सोहना-दौसा मार्ग का उद्घाटन करने का कार्यक्रम प्रस्तावित है। यह कार्यक्रम का आयोजन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) कर रहा है।
भाजपा इस स्थल के नजदीक एक जनसभा कर रही है, जिसे प्रधानमंत्री संबोधित करेंगे।
गहलोत ने संवाददाताओं से कहा, “मैंने सुना है कि यह एक बड़ा कार्यक्रम था, हम एक मंच पर आ सकते थे। वे (भाजपा) जानते थे कि मैं पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना(ईआरसीपी)का मुद्दा उठाऊंगा… मैं समझता हूं कि इससे बचने के लिए पीएमओ और इसमें शामिल अन्य लोग, राज्य के नेता..जो केंद्रीय मंत्री हैं..(प्रधानमंत्री से) कहते कि आपने एक स्थान (दौसा) चुना है जो ईआरसीपी के अंतर्गत आता है इसलिए इसे बदल दें। ”
उन्होंने दावा किया कि आधिकारिक समारोह में 100-200 लोग ही मौजूद रहेंगे और भाजपा की ओर से अलग से जनसभा की जाएगी। उन्होंने कहा यह अब नया तरीका खोजा है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री और अन्य कांग्रेस नेता बार-बार केंद्र से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य पूर्वी राजस्थान के दौसा सहित 13 जिलों की पेयजल और सिंचाई आवश्यकताओं को पूरा करना है।
इस परियोजना की परिकल्पना तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पूर्व भाजपा सरकार ने की थी। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री ने 2018 और 2019 में चुनावी रैलियों में ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने का वादा किया था।