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गहलोत ने कहा कि जब जाति और धर्म के नाम पर लोगों को बांटा जाता है तो समाज कमजोर हो जाता है

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोगों से जाति एवं धर्म से ऊपर उठने का आह्वान करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि जातियोंएवं धर्म के नाम पर बंटने से समाज कमजोर होता है।
मुख्यमंत्री करौली के महावीर जी में पंचकल्याणक महोत्सव एवं महामस्तकाभिषेक समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा,‘‘मैं कहता हूं कि जात-पात, धर्म जैसे तमाम बंधनों को तोड़कर मानव, मानव की सेवा करे। यह महावीर भगवान का भी उपदेश था।’’
गहलोत ने कहा, ‘‘ दुर्भाग्य से जातियों एवं धर्म के नाम पर बंट जाते हैं हम लोग, तो समाज कमजोर होता है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जब किसी भी धर्मस्थल पर जाते हैं तो अपने लिए कुछ नहीं मांगते बल्कि प्रार्थना करते हैं कि जीव मात्र का कल्याण हो।
गहलोत ने कहा कि देश और दुनिया में भगवान महावीर की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं क्योंकि जहां शांति और अहिंसा का वातावरण होता है, वहीं ईश्वर का निवास होता है। उनका कहना था कि सारे विश्व के बुद्धिजीवी भारत की पुरातन संस्कृति का सम्मान करते हैं, जिसका मूल कारण इसमें शांति और अहिंसा का निहित होना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचकल्याणक महोत्सव से पूरे प्रदेश में सामाजिक समरसता का संदेश जा रहा है और इसके अन्तर्गत होने वाली गतिविधियों में विभिन्न समुदायों की भागीदारी रहती है, जिससे समाज में भाईचारे की भावना मजबूत होती है।गहलोत ने कहा कि शांति, अहिंसा एवं सामाजिक समरसता की स्थापना से ही समाज का विकास सम्भव है।
गहलोत ने कहा कि बाल्यकाल से ही उन्हें भगवान महावीर की शिक्षाओं से परिचित होने का अवसर मिला।

उनके अनुसार सत्य और अहिंसा की विचारधारा को प्रसारित करने के लिए राज्य में शांति एवं अहिंसा विभाग की स्थापना की गई है तथा विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश में उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने महामस्तकाभिषेक एवं पंचकल्याणक महोत्सव के ध्वजारोहण के पश्चात मंदिर में भगवान श्री महावीर जी के दर्शन कर राज्य की खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने पंचकल्याणक व महामस्तकाभिषेक कार्यक्रम की स्मारिका का भी विमोचन किया।

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