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गहलोत ने कहा कि जल जीवन मिशन का कार्य युद्ध स्तर पर होना चाहिए

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों और छितराई बसावट के बावजूद राज्य सरकार जल जीवन मिशन के कार्यों को पूरा करने में कोई कमी नहीं रख रही है।
उन्होंने मिशन को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए इससे संबंधित पेयजल परियोजनाओं का कार्य युद्ध स्तर पूरा करने के निर्देश दिए।
गहलोत मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के पूर्वी भाग में पानी की विकट समस्या हैं। यहां पूर्वी राजस्थान की जीवनदायिनी योजना ईआरसीपी बेहद अहम है। उन्होंने 13 जिलों में नल कनेक्शन देने के लिए केंद्र से ईआरसीपी को जल्द राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित कराने का आग्रह किया, ताकि जल की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में रेगिस्तानी एवं मरूस्थलीय क्षेत्र होने के साथ ही सतही एवं भू-जल की भी कमी है।

गांव-ढाणियों के बीच दूरी अधिक होने और विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण घर-घर पेयजल उपलब्ध करवाने में लागत अन्य राज्यों से कई गुना ज्यादा आती है।
उन्होंने कहा कि कुछ परिस्थितियों में तो प्रति कनेक्शन लागत एक लाख रूपये से भी अधिक है। इसे देखते हुए प्रदेश को भी जल जीवन मिशन में 90:10 के अनुपात के तहत सहायता उपलब्ध करायी जाए।
उन्होंने कहा कि रूस तथा यूक्रेन के युद्ध के कारण कई वस्तुओं के दाम में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है इससे क्रियान्वयन में भी कठिनाइयां आई है। उन्होंने कहा कि इस कारण केंद्र सरकार मिशन की समय-सीमा को बढ़ाएं, जिससे मिशन का लाभ हर परिवार को मिल सके।

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