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कांग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी का गठन करने वाले जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने आशिक बड़ा बयान दिया है। गुलाम नबी आजाद ने साफ तौर पर कहा कि धर्म को राजनीति से अलग करने की आवश्यकता है। दरअसल, वह एक कार्यक्रम को श्रीनगर में संबोधित कर रहे थे, इसी दौरान उन्होंने यह बात कही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि कुछ नेता और दल समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने किसी पार्टी या नेता का नाम तो नहीं लिया। अपने बयान में आजाद ने कहा कि हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है। लेकिन उन्हें लोगों में विभाजन पैदा करने नहीं बल्कि उन्हें एकजुट करने के बात करनी चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ऐसे लोगों को राजनीति या धर्म के आधार पर जनता को नहीं बांटना चाहिए। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कुछ दल ऐसे भी हैं जिनके बयान एवं गतिविधियां समाज में फूट डालने वाले होते हैं। उन्होंने कहा कि जो भी समाज में फूट डालने की कोशिश करता है, मैं उसकी नीतियों की आलोचना करता हूं और उसका विरोध भी करता हूं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि चुनाव के बहाने नफरत नहीं फैलाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अतीत में भी चुनाव हुए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और यहां के लोग एक कठिन परीक्षा के दौर से गुजर रहे हैं और केवल नारेबाजी से काम नहीं चलेगा।
आजाद ने 1990 के दशक में जम्मू-कश्मीर में रही अलगाववादी लहर का परोक्ष जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि कुछ नारों के कारण हमने हजारों लोगों को खो दिया। हम ऐसे नारों के कारण एक भी और जीवन नहीं गंवा सकते। उन्होंने मैं जब यहां (मुख्यमंत्री के रूप में) था, तब हम दोनों चीजें कर रहे थे। सुरक्षा बल आतंकवादियों से लड़ रहे थे, लेकिन हमने सैकड़ों युवाओं को बचाया और उन्हें मुख्यधारा में वापस लेकर आए। उस दिशा में अब कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि आप लोगों की केवल जान ही लेते रहें। इस तरह तो हम सभी युवाओं को मार देंगे।