Breaking News

Mahakumbh 2025 में दिखी तेजस की झलक, पंडाल बना आकर्षण का केंद्र, तिरुपति और सोमनाथ के भी हुए दर्शन

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले में कई साधुओं की साधना से लेकर अपनी बातों के कारण चर्चा में आए हुए है। महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था से लेकर यहां की अन्य व्यवस्थाओं तक बेहद शानदार है। महाकुंभ में रोजाना लाखों श्रद्धालु श्रद्धा की डुबकी लगा रहे है।
 
प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ 2025 मेले में इन दिनों ‘तेजस पंडाल’ एक विशेष आकर्षण के रूप में उभरा है। ये पंडाल मूल रूप से भारतीय वायु सेना के एचएएल तेजस विमान से प्रेरित है। इसके निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महंत बृजभूषण दास जी महाराज ने बताया कि पंडाल का उद्देश्य भारत की प्रगति और ताकत को प्रदर्शित करना है। दुनिया भर से श्रद्धालु पंडाल में आ रहे हैं, यादें संजो रहे हैं और देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जश्न मना रहे हैं।
 
एएनआई से बात करते हुए महंत बृजभूषण दास जी महाराज ने कहा, “तेजस विमान भारत के गौरव और ताकत का प्रतीक है, जो हमारे देश में ही बनाया गया है। यह हमारी बढ़ती आत्मनिर्भरता का प्रमाण है। हमने एक शक्तिशाली संदेश देने के लिए महाकुंभ में तेजस विमान द्वार तैयार किया है:
 
भारत अब किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पर्याप्त मजबूत है।” उन्होंने कहा, “हम अब दूसरों पर निर्भर नहीं हैं, हम चांद, मंगल और उससे भी आगे पहुंच चुके हैं। हमारे सैनिकों को समर्पित यह तेजस विमान भारत की शक्ति और प्रगति का सबूत है। हम चाहते हैं कि दुनिया देखे कि हम कितनी दूर आ गए हैं और भारत इस दिशा में अग्रणी है।”
 
करोड़ों लोगों ने लगाई श्रद्धा की डुबकी
विश्व के सबसे बड़े धार्मिक समागम में श्रद्धालुओं का आना और गंगा और त्रिवेणी में डुबकी लगाना अनवरत जारी है। मेला प्रशासन के मुताबिक 11 जनवरी से 16 जनवरी तक इन छह दिनों में सात करोड़ लोगों ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है। बयान के मुताबिक बृहस्पतिवार को ही 30 लाख से ज्यादा लोगों ने महाकुंभ में गंगा में स्नान किया। राज्य सरकार को महाकुंभ में 45 करोड़ लोगों से ज्यादा लोगों के आने का अनुमान है। प्रयागराज में कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं और स्नान करने वालों केउत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही है। पूरे देश और दुनिया से त्रिवेणी में डुबकी लगाने के लिए प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं। 

Loading

Back
Messenger