मौजूदा समय में स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से निपटने में आयुर्वेद के सामर्थ्य को दुनिया के सामने लाने के उद्देश्य से केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में एक से पांच दिसंबर के बीच वैश्विक आयुर्वेद महोत्सव (जीएएफ 2023) के पांचवे संस्करण का आयोजन किया जा रहा है।
विदेश एवं संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि जीएएफ 2023 की थीम ‘‘स्वास्थ्य सेवा में उभरती चुनौतियां तथा पुनरुत्थानशील आयुर्वेद’’ है। मुरलीधरन आयोजन समिति के अध्यक्ष भी है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन आयोजन समिति के प्रमुख संरक्षक हैं।
इस समिति में दो सौ से अधिक सदस्य हैं।
विज्ञान में नवोन्मेष तथा सामाजिक कार्रवाई केन्द्र (सीआईएसएसए) इस कार्यक्रम का आयोजन आयुष मंत्रालय, केरल सरकार के आयुष विभाग तथा अन्य संस्थानों के साथ मिलकर कर रहा है।
इस महोत्सव में कई प्रतिष्ठित वैज्ञानिक जिनमें नोबेल पुरस्कार विजेता भी शामिल हैं तथा 75 देशों के7,500 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न सत्रों में 750 से अधिक शोधपत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।
मुरलीधरन ने कहा कि यह बात महत्वपूर्ण है कि जीएएफ 2023 ऐसे वक्त में हो रहा है जब केन्द्र सरकार गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए आयुर्वेद को एक संपूर्ण प्रणाली के तौर पर स्थापित करने के गंभीर प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में इस बात के भी प्रयास किए जाएंगे कि आयुर्वेद को पर्यटन के साथ कैसे जोड़ा जाए, इससे केरल के विकास में बहुत योगदान मिल सकता है।
मुरलीधरन ने कहा,‘‘ आयुर्वेद पहले से ही केरल में पर्यटन का अहम हिस्सा है। इसका पर्यटन के क्षेत्र से आने वाले राजस्व में अच्छा खासा हिस्सा है।