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Google ने झूठी सूचना के प्रसार को रोकने के लिए Election Commission से हाथ मिलाया

नयी दिल्ली। अल्फाबेट इंक के स्वामित्व वाली कंपनी गूगल ने आगामी चुनावों के दौरान झूठी सूचना के प्रसार की रोकथाम, अधिकृत सामग्री को बढ़ावा देने और कृत्रिम मेधा (एआई) के जरिये उत्पन्न डेटा का उपयोग करने के लिए निर्वाचन आयोग से हाथ मिलाया है। गूगल इंडिया ने एक ब्लॉग पोस्ट में मंगलवार को कहा कि इसके उत्पाद चुनाव से जुड़े विभिन्न विषयों पर आधिकारिक सूचना बढ़ाने की विशेषताओं से लैस किये गए हैं। 
गूगल ने कहा, ‘‘हम मतदान के बारे में गूगल सर्च पर अंग्रेजी और हिंदी में महत्वपूर्ण जानकारी ढूंढने में लोगों की सहायता के लिए सहयोग कर रहे हैं। इन जानकारियों में, पंजीकरण कैसे करें और मतदान कैसे करें शामिल हैं।’’ अधिक संख्या में लोगों के कृत्रिम मेधा का इस्तेमाल करने के विषय पर गूगल ने कहा कि यह ऐसी प्रक्रियाएं तैयार कर रही है जो उपयोगकर्ताओं को कृत्रिम मेधा सामग्री की पहचान करने में मदद करेगी। इसने कहा, ‘‘अधिक विज्ञापनदाताओं द्वारा एआई की शक्ति और अवसर का लाभ उठाये जाने पर, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम अधिक पारदर्शिता और विषय पर सभी जानकारियों के साथ लोगों को निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करते रहें।’’ 
गूगल ने कहा, ‘‘हमारी विज्ञापन नीतियां पहले से ही, गुमराह करने वाली ‘डीपफेक’ या छेड़छाड़ की गई सामग्री के उपयोग को निषिद्ध करती हैं।’’ गूगल ने इस बारे में कड़ी नीतियां एवं पाबंदियां निर्धारित की हैं कि चुनाव संबंधित विज्ञापन उसके मंचों पर कौन जारी कर सकता है। इनमें निर्वाचन आयोग द्वारा पहचान का सत्यापन, प्रमाणन और अधिकृत किया जाना शामिल है।

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