नयी दिल्ली। कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि सरकार बेरोजगारी की सच्चाई को छिपाने के लिए आंकड़ों की बाजीगरी कर रही है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी दावा किया कि आज बेरोजगारी दर पिछले चार दशकों में सबसे अधिक है। रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हाल ही में एक केंद्रीय मंत्री ने आईएलओ (अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन) की रोजगार रिपोर्ट को भारत की गुलाम मानसिकता का लक्षण बताया। इसके बजाय, उन्होंने ईपीएफओ, ईएसआई और राष्ट्रीय पेंशन योजना के डेटाबेस के आधार पर वित्त वर्ष 2020 और वित्त वर्ष 2023 के बीच 5.2 करोड़ नई औपचारिक नौकरियों का बेतुका दावा किया।’’
इसे भी पढ़ें: Uttar Pradesh । समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका, Pallavi Patel ने छोड़ा गठबंधन, Asaduddin Owaisi के साथ अपना दल (कमेरावादी) ने मिलाया हाथ
उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि कई अर्थशास्त्रियों ने साबित किया है, वित्त वर्ष 2020-23 के बीच कुल रोजगार सृजन ज्यादा से ज्यादा 2.27 करोड़ हुआ है। तीन वर्षों में ये 2.27 करोड़ नौकरियां भी मोदी सरकार के प्रति वर्ष दो करोड़ नौकरी देने के वादे से कोसों दूर है। लेकिन, अब ऐसा लगता है कि यह 2.27 करोड़ का आंकड़ा भी वास्तविकता से अधिक है।’’ कांग्रेस महासचिव के अनुसार, 2020 के उच्चतम न्यायालय के फ़ैसले के अनुसार ईपीएफओ को 20 से अधिक लोगों को रोज़गार देने वाले किसी भी प्रतिष्ठान में संविदा कर्मियों को शामिल करना आवश्यक है। रमेश ने दावा किया कि ईपीएफओ में वृद्धि का एक कारण अब इसके लिए आसान पंजीकरण भी है।
इसे भी पढ़ें: Loktantra Bachao Rally । रामलीला मैदान में INDIA Alliance का शक्ति प्रदर्शन, केजरीवाल की रिहाई समेत रखीं ये पांच सूत्री मांगें
उनका कहना है, ‘‘बीस या अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठान ईपीएफ अधिनियम के दायरे में आते हैं। जो कंपनियां एक वर्ष में 19 से 20 कर्मचारियों को स्थानांतरित करती हैं, वे अचानक ईपीएफओ डेटा में 20 नई नौकरियों के रूप में दिखाई देंगी, भले ही नई नौकरी में सिर्फ़ एक ही इज़ाफ़ा हुआ हो।’’ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘बेरोज़गारी की सच्चाई को छिपाने के लिए वे आंकड़ों के साथ चाहे जितनी बाज़ीगरी करें, सच्चाई तो यही है कि आज बेरोज़गारी दर पिछले चार दशकों में सबसे अधिक है।
हाल ही में एक केंद्रीय मंत्री ने ILO की रोज़गार रिपोर्ट को भारत की “गुलाम मानसिकता” का लक्षण बताया। इसके बजाय, उन्होंने EPFO, ESI और नेशनल पेंशन योजना के डेटाबेस के आधार पर वित्त वर्ष 2020 और वित्त वर्ष 23 के बीच 52 मिलियन नई औपचारिक नौकरियों को जोड़ने का बेतुका दावा किया।