Breaking News

Manipur पर चर्चा को तैयार सरकार, प्रह्लाद जोशी बोले- गांधी परिवार को लगता है कि पीएम की कुर्सी पर…

मणिपुर को लेकर संसद में गतिरोध जबरदस्त तरीके से बरकरार है। एक ओर जहां विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहे हैं। वही सरकार का साफ तौर पर कहना है कि वह मणिपुर को लेकर हर तरह की चर्चा को तैयारी है। खुद गृह मंत्री अमित शाह ने साफ तौर पर कहा है कि वह मणिपुर पर चर्चा को तैयार है। गृह मंत्री ने कहा था कि मैं खुद चाहता हूं कि मणिपुर के सच्चाई लोगों तक पहुंचे। पता नहीं विपक्ष चर्चा क्यों नहीं करना चाहता है। हालांकि, विपक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग को लेकर अविश्वास प्रस्ताव भी लाया है। इन सबके बीच की केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बड़ा बयान दिया है। 
 

इसे भी पढ़ें: ‘वाजपेयी ने 2002 में गुजरात दंगों पर बात की थी’, Manipur पर PM Modi के बयान पर अड़ी कांग्रेस ने कहा

प्रह्लाद जोशी ने कहा कि भारत सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है। सरकार चाहती है कि मणिपुर पर चर्चा हो और अब वे (विपक्ष) नियम 267 के तहत चर्चा की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी पूर्वोत्तर में कई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हो चुकी हैं। उस समय गृह मंत्री वहां गये भी नहीं थे। कोई चर्चा नहीं हुई। यदि कोई चर्चा हुई तो राज्य मंत्री ने उत्तर दिया। लेकिन इस बार हमारे गृह मंत्री कह रहे हैं कि वह चर्चा चाहते हैं और जवाब देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अब भी मैं उनसे अपील करता हूं कि अगर वे चर्चा चाहते हैं तो चर्चा करें। समस्या यह है कि पीएम मोदी के सत्ता में आने के 9 साल बाद वे वे इस बात को पचा नहीं पा रहे हैं कि लोगों ने उन्हें यह फैसला सुनाया है। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि गांधी परिवार को लगता है कि पीएम की कुर्सी पर बैठना उनका जन्मसिद्ध अधिकार है. तो पचा नहीं पा रहे हैं।
 

इसे भी पढ़ें: Parliament: Lok Sabha में दिल्ली अध्यादेश बिल पेश, PM Modi 10 को अविश्वास प्रस्ताव पर देंगे जवाब

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को आरोप लगाया कि राज्यसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों को बोलने नहीं दिया जा रहा है और उन्हें धमकाया जा रहा है। उच्च सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित होने के बाद नेता प्रतिपक्ष खड़गे ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों के नेताओं के साथ संसद परिसर में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि सदन में नियम 267 के तहत अतीत में कई बार चर्चा हो चुकी है। खरगे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्यसभा में सरकार हमें बोलने नहीं दे रही है। नियम 267 के तहत हम लगातार 11 दिन से मणिपुर का विषय उठा रहे हैं। मणिपुर एक बहुत बड़ी घटना है। हम चाहते थे कि प्रधानमंत्री जी सदन में आएं और अपने विचार रखें। सिर्फ गृह मंत्री का सवाल नहीं हैं। जो सूचनाएं प्रधानमंत्री को मिलती हैं वो सभी सूचनाएं गृह मंत्री को नहीं मिल सकतीं।’’

Loading

Back
Messenger