ओडिशा में हुए भीषण रेल हादसे के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच जुबानी जंग जारी है। इस बेहद विशानकारी हादसे के बाद से ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लगातार हमलावर रही है। इस हादसे के बाद से ही वो लगातार केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय की आलोचना कर रही है।
इसी संबंध में रविवार को भी ममता बनर्जी ने फिर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कल मेरे साथ रेल मंत्री और धर्मेंद्र प्रधान दोनों खड़े थे लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा, मैं बहुत कुछ कह सकती थी क्योंकि मैं खुद रेल मंत्री रही हूं…कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस में एंटी कोलिशन डिवाइस क्यों नहीं था? रेलवे को सिर्फ बेचने के लिए छोड़ दिया है।
मुआवजे का किया ऐलान
उन्होंने कहा कि बालासोर दुर्घटना से बचकर जो लोग अपने घर आ गए हैं लेकिन ट्रॉमा में हैं उन्हें राज्य सरकार 10 हज़ार रुपए देगी और आने वाले तीन महीने तक प्रति परिवार को 2 हज़ार रुपए और राहत सामग्री दी जाएगी। इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री लगातार हमलावर है। उन्होंने हादसे के लिए कवच को जिम्मेदार ठहराया था, जिसे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सिरे से नकार दिया था।
ओडिशा सरकार को मिल रही पूरी मदद
वहीं रविवार को मीडिया से बात करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। जिस दिन यह हुआ, हमने दुर्घटनास्थल पर 150 एंबुलेंस, 50 डॉक्टर, नर्स, बसें और आपदा प्रबंधन दल भेजे। हम ओडिशा सरकार का पूरा समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस हादसे में पश्चिम बंगाल के 62 लोगों की मौत हो गई। राज्य में 206 लोगों का इलाज चल रहा है। राज्य के 73 लोग ओडिशा के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। जबकि पश्चिम बंगाल के 56 लोगों को ओडिशा के अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है। 182 लोगों की पहचान होनी बाकी है।
मृतकों की संख्या हुई 275
ओडिशा सरकार ने रेल हादसे में मृतकों की संख्या रविवार को 288 से संशोधित कर 275 कर दी और घायलों की संख्या 1,175 बताई है। मुख्य सचिव पी के जेना के मुताबिक, कुछ शवों की दो बार गिनती हो गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘विस्तृत सत्यापन और बालासोर जिलाधिकारी की एक रिपोर्ट के बाद संशोधित मृतक संख्या 275 है।’’ जेना ने कहा कि घायलों का उपचार सोरो, बालासोर, भद्रक और कटक के विभिन्न अस्पतालों में हो रहा है।