राज्यपाल मानहानि मामला, Mamata ने एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया
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कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ का रुख कर एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया है। एकल पीठ ने बनर्जी और तीन अन्य पर राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के खिलाफ “मानहानिकारक और गलत” बयान देने पर रोक लगा दी थी। बनर्जी के वकील एस.एन. मुखर्जी ने न्यायमूर्ति आई.पी. मुखर्जी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष कहा कि बनर्जी ने राज्यपाल के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की। वकील ने कहा कि उनकी जिस टिप्पणी की बात हो रही है वह दो नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण के संबंध में सार्वजनिक दायित्व निभाने से जुड़ी है।
मुखर्जी ने कहा कि बोस ने समाचारों का हवाला दिया है, लेकिन उन्होंने मानहानि मामले में प्रकाशनों को पक्षकार नहीं बनाया है। पीठ ने कहा कि मामले पर बृहस्पतिवार को सुनवाई होगी जब बोस के वकील अपनी दलीलें पेश करेंगे। न्यायमूर्ति कृष्ण राव ने तृणमूल कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित विधायकों सयंतिका बनर्जी और रेयात हुसैन सरकार के शपथ ग्रहण पर विवाद से संबंधित एक प्रशासनिक बैठक के दौरान कुछ टिप्पणी करने के लिए बनर्जी और तीन अन्य के खिलाफ राज्यपाल द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे पर 16 जुलाई को अंतरिम आदेश पारित किया था। पीठ ने उनपर रोक लगाने का आदेश पारित किया था, जो 14 अगस्त तक लागू रहेगा। यह आदेश दो विधायकों और टीएमसी नेता कुणाल घोष पर भी लागू होगा।
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