बेंगलुरु। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि उन्होंने कर्नाटक के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से उनके स्वागत के लिए हवाई अड्डा नहीं आने का अनुरोध किया था, क्योंकि उनके आगमन का समय निर्धारित नहीं था और वह नहीं चाहते थे कि उन्हें सुबह इतनी जल्दी आने का कष्ट उठाना पड़े।
प्रधानमंत्री यूनान की राजधानी एथेंस से सुबह करीब छह बजे सीधे बेंगलुरु पहुंचे, ताकि वह चंद्रयान-3 मिशन में शामिल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों से मिल सकें।
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मोदी ने एचएएल (हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) हवाई अड्डे के बाहर बड़ी संख्या में एकत्र लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि वह बहुत दूर (एथेंस) से आ रहे हैं और उन्हें यह नहीं पता था कि वह किस समय यहां पहुंचेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार से उनके स्वागत के लिए हवाई अड्डा आने का कष्ट नहीं करने को कहा था, क्योंकि वह इसरो के वैज्ञानिकों को धन्यवाद देने के तुरंत बाद लौट जाएंगे।
मोदी ने कहा, ‘‘इसलिए, मैंने उनसे अनुरोध किया था कि जब मैं औपचारिक दौरा करूं, तो वे निश्चित ही प्रोटोकॉल का पालन करें। उन्होंने सहयोग किया और मैं उनका शुक्रगुजार एवं आभारी हूं।’’
इसरो के वैज्ञानिकों से मुलाकात के लिए मोदी के बेंगलुरु आने से पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री ने सिद्धरमैया और शिवकुमार को एचएएल हवाई अड्डे पर उनके स्वागत के लिए आने से कथित रूप से रोका।
रमेश ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री इस बात को लेकर सिद्धरमैया और शिवकुमार से चिढ़ गए कि उनसे पहले उन दोनों ने इसरो के वैज्ञानिकों को सम्मानित किया।
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रमेश ने मोदी पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को रोककर ‘‘ओछी राजनीति’’ करने का आरोप लगाया था।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने यहां इसरो के ‘टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क’ (आईएसटीआरएसी) का बृहस्पतिवार को दौरा किया था और चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के लिए इसरो प्रमुख एस सोमनाथ और उनकी टीम को बधाई दी थी।
उन्होंने चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ को ऐतिहासिक उपलब्धि करार देते हुए कहा था कि राज्य सरकार इसके लिए इसरो की टीम को आधिकारिक तौर पर सम्मानित करने के वास्ते एक विशेष कार्यक्रम आयोजित करेगी।
सिद्धरमैया ने कहा था, ‘‘सरकार विधान सौध के सभागार में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित करके इसरो के अध्यक्ष (एस) सोमनाथ और उनकी टीम को आधिकारिक तौर पर सम्मानित करेगी। कर्नाटक के लगभग 500 वैज्ञानिक इस मिशन का हिस्सा थे।’’
इसरो ने बुधवार को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस लैंडर मॉड्यूल की ‘सॉफ्ट लैंडिग’ कराने में कामयाबी हासिल की थी। भारतीय समयानुसार शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर यान ने चांद की सतह को छुआ था।
इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का पहला देश तथा चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया था।