स्टूडेंट फेडरेशन (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर प्रदेश के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पर हमला करने के कुछ दिनों बाद, खान ने शनिवार को वाम छात्र संघ से मुकाबला करने के लिए कालीकट विश्वविद्यालय परिसर में ठहरने का फैसला किया।
दिन में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए खान को पहले कोझिकोड़ के सरकारी अतिथि गृह में रुकने का कार्यक्रम था, लेकिन उन्होंने योजनाओं में बदलाव की घोषणा की है।
राज्यपाल ने नयी दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं सरकारी गेस्ट हाउस में रुकने की योजना बना रहा था। तब मुझे बताया गया कि उन्होंने (एसएफआई) कहा है कि वे मुझे विश्वविद्यालय में प्रवेश नहीं करने देंगे। तब मैंने कहा कि कार्यक्रम बदल दीजिए और मैं वहीं विश्वविद्यालय परिसर में ही ठहरूंगा।’’
राज्यपाल ने कहा कि अगर प्रदर्शनकारी वाहन तक पहुंचेंगे तो वह कार से बाहर निकल आएंगे।
खान ने कहा, ‘‘अगर कोई मेरी कार के पास आता है, तो मैं तुरंत उसे रोक दूंगा और नीचे उतर जाऊंगा। उन्हें मेरी कार पर प्रहार क्यों करना चाहिए। उन्हें मुझे मारना चाहिए। अगर उनमें हिम्मत है, तो उन्हें मुझ पर प्रहार करना चाहिए। वे मुझे डराना चाहते हैं, लेकिन मैं उनमें से नहीं हूं जिन्हें डराया जा सकता है। वे दबंगई दिखा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि छात्र संगठन ने अब अपना रुख बदल लिया है और अब वे केवल दूर से काले झंडे दिखाएंगे।
राज्यपाल ने कहा, ‘‘राजनीतिक दल ने आधिकारिक तौर पर एक बयान जारी करके कहा है कि काला झंडा जारी रहेगा, लेकिन कोई रुकावट नहीं होगी। इसका मतलब है कि पहले वे मेरा रास्ता रोक रहे थे। यह अपराध है।’’
उन्होंने पूछा कि क्या किसी को मुख्यमंत्री की कार के पास जाने की इजाजत होगी। हाल ही में तिरुवनंतपुरम में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा जा रहे खान की कार पर रास्ते में एसएफआई कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर हमला किया था जिसके बाद वह वाहन से उतर गए थे।
छात्र संगठन ने विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में खान के कार्यों और विभिन्न विश्वविद्यालयों में बीकेपी-एबीवीपी कार्यकर्ताओं को सीनेट सदस्य के रूप में नामित करने का विरोध किया है। एसएफआई मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की एक छात्र शाखा है।