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ओपन एक्सेस के माध्यम से पवन ऊर्जा में सबसे अधिक वृद्धि करने के लिए गुजरात को मिला सम्मान

नई दिल्ली में भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा आयोजित ग्लोबल विंड डे के दौरान वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान ओपन एक्सेस के माध्यम से सबसे अधिक विंड कैपेसिटी (पवन उर्जा क्षमता) हासिल करने के लिए गुजरात को सम्मानित किया गया है। इससे पहले तमिलनाडु इस क्षेत्र में अग्रणी राज्य था लेकिन गुजरात, स्थापित पवन उर्जा क्षमता में पहला स्थान हासिल कर तमिलनाडु समेत सभी राज्यों को पीछे छोड़ नंबर 1 बन गया है। गुजरात में पवन ऊर्जा परियोजनाओं की वर्तमान स्थापित क्षमता 10021.165 मेगावॉट है, जो देश में सर्वाधिक है।
 

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ममता वर्मा, प्रमुख सचिव, ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल्स विभाग, गुजरात सरकार की ओर से,  श्रीमती आरती कंवर, रेजिडेंट कमिश्नर, गुजरात सरकार ने MNRE के सचिव श्री भूपेंद्र सिंह से यह पुरस्कार प्राप्त किया। गुजरात ने पवन ऊर्जा उत्पादन के लिए अपनी 1600 किलोमीटर लंबी तटरेखा के साथ सौराष्ट्र और कच्छ प्रायद्वीप में 56 संभावित स्थानों की पहचान की है। पवन ऊर्जा क्षमता के लिए की गई स्टडी से ये परिणाम सामने आए है कि कई अंदरूनी इलाके ऐसे हैं जहां पवन ऊर्जा इन्स्टॉल करने से बहुत अच्छे परिणाम सामने आएंगे। दक्षिणी तट रेखा के क्षेत्र में तथा मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा से सटे गुजरात का उत्तरी भाग, पवन ऊर्जा के लिए ‘सोने की खान’ है। MNRE द्वारा अनुमानित कुल पवन ऊर्जा उत्पादन क्षमता लगभग 142.56GW है, जो देश में सबसे अधिक है।
 

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साल 1993-94 में पवन ऊर्जा नीति की घोषणा करने वाला पहला राज्य गुजरात था। इसके बाद, 5 और पवन ऊर्जा नीतियों की घोषणा की गई और वर्तमान में 5वीं नीति यानी गुजरात पवन ऊर्जा नीति – 2016 को लागू किया जा रहा है। गुजरात बहुत जल्द एक नई इंडीग्रेडेट रिन्युएबल एनर्जी पॉलिसी पेश करने जा रहा है। नई नीति का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करेगा कि गुजरात वर्ष 2030 तक पवन ऊर्जा के 500GW के राष्ट्रीय लक्ष्य को प्राप्त करने में अग्रणी भूमिका निभाए।

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