गुजरात के पोरबंदर शहर में एक मौलवी को ऑडियो क्लिप के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हिरासत में ले लिया गया, जिसमें उसने राष्ट्रीय ध्वज का कथित तौर पर अपमान किया था। एक पुलिस अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) भागीरथ सिंह जडेजा ने कहा कि आरोपी की पहचान वासिद रजा के रूप में हुई है। रजा के खिलाफ शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद कीर्तिमंदिर पुलिस ने उसे हिरासत में लिया। जडेजा ने बताया कि मौलवी पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने और विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
एसपी ने कहा, ‘‘पोरबंदर में नगीना मस्जिद के मौलवी से इस साल जनवरी में उसके व्हाट्सएप ग्रुप में पूछा गया था कि क्या मुसलमानों को राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहिए और उसे सलाम करना चाहिए तथा राष्ट्रगान गाना चाहिए।’’
जडेजा ने कहा, ‘‘एक ऑडियो प्रारूप में अपने जवाब में मौलवी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोग राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकते हैं, लेकिन उसे सलामी नहीं दे सकते। क्या मुसलमानों को राष्ट्रगान गाना चाहिए इस प्रश्न पर उसने कहा कि उन्हें राष्ट्रगान में इस्तेमाल किए गए कुछ शब्दों के कारण ऐसा नहीं करना चाहिए।’’
मामले में आरोपी मौलवी बहार-ए-शरीयत नामक व्हाट्सएप ग्रुप का एडमिन है, जिसमें उससे राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान पर उसकी राय पूछी गई थी। जडेजा ने कहा, ग्रुप के एक ऑडियो क्लिप के आधार पर कीर्तिमंदिर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई।
मौलवी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153, 153 ए, 153 बी (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर किया गया कृत्य) और 505 तथा 505 ए (शत्रुता को बढ़ावा देने के लिए बयान, अफवाह फैलाना) के साथ-साथ राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।