बॉलीवुड अभिनेता मनोज वाजपेयी ने कहा कि उनकी दो फिल्मों गुलमोहर और सिर्फ एक बंदा काफी है को दर्शकों द्वारा पसंद किए जाने से वो खुश हैं और उन्हें उम्मीद है कि जोराम के साथ वो इस वर्ष का अंत बहुत अच्छे से करेंगे।
उन्होंने कहा कि जोराम विस्थापन और पर्यावरण संकट के मुद्दे पर बनी है, जो एक पिता और उसकी छोटी बच्ची पर आधारित है।
वाजपेयी ने वर्ष 2023 की शुरुआत ओटीटी मंच डिज्नी प्लस हॉटस्टार की गुलमोहर से की थी, जो एक पारिवारिक कहानी पर अधारित थी। इसका निर्देशन राहुल वी. चित्तेला ने किया था और इसमें दिग्गज अभिनेत्री शर्मिला टैगोर भी थीं। इसके बाद वे अपूर्व सिंह कर्की की सिर्फ एक बंदा काफी है में दिखे, जिसे ओटीटी मंच जी5 पर प्रदर्शित किया गया था।
वाजपेयी की दोनों फिल्में शुक्रवार को यहां भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) में दिखाई गईं। अभिनेता दोनों फिल्मों को प्रदर्शित किए जाने के दौरान चित्तेला और कार्की के साथ मौजूद रहे।
वाजपेयी ने पीटीआई- से एक साक्षात्कार में कहा, यह साल मेरे लिए बहुत शानदार रहा। मेरी दो फिल्मों गुलमोहर और सिर्फ एक बंदा काफी है को दर्शकों ने खूब पसंद किया और इन्होंने ओटीटी मंच पर सफलता हासिल की। अब हम जोराम के साथ वर्ष का अंत कर रहे हैं।
अभिनेता ने कहा, मैं अपने करियर से और क्या उम्मीद रख सकता हूं। गुलमोहर और सिर्फ एक बंदा काफी है के साथ यह वर्ष मेरे लिए बहुत अच्छा रहा है, क्योंकि दोनों फिल्मों को सभी से प्रशंसा मिली।
वाजपेयी जोराम में फिल्म भोंसले के लेखक-निर्देशक देवाशीष मखीजा के साथ एक बार फिर काम कर रहे हैं। साल 2018 में आई फिल्म भोंसले के लिए वाजपेयी को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था।
जी स्टूडियोज और मखीजा फिल्म की साझेदारी में जोराम का निर्माण शरीक पटेल, आशिमा अवस्थी चौधरी, अनुपमा बोस और मखीजा ने किया है। फिल्म में मोहम्मद जीशान अय्यूब, राजश्री देशपांडे, तनिष्ठा चटर्जी और स्मिता तांबे भी हैं।