खबरों के लिहाज से काफी उथल-पुथल वाला रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने उदयनिधि स्टालिन के
खिलाफ याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। वाराणसी कोर्ट ने निर्देष दिया है
कि ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे में मिले सबूत डीएम को सौंपे जाए। एडिटर्स गिल्ड ऑफ
इंडिया के चार सदस्यों को सुप्रीम कोर्टे से राहत मिल गई है। कॉलेजियम सिस्टम पर
सीजेआई ने बड़ा बयान दिया है। इस सप्ताह यानी 11 सितंबर से 15 सितंबर 2023 तक क्या
कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके
सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न
न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।
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में सुप्रीम कोर्ट ने दो हफ्ते की और राहत दी है। कोर्ट ने FIR दर्ज कराने वाले
शिकायतकर्ता से पूछा कि जातीय समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने का मामला कैसे
बनता है। कोर्ट ने कहा कि गिल्ड की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट के बाद इनके खिलाफ की गई
FIR सरकार का काउंटर नैरेटिव की तरह है। यह दल मणिपुर तब गया, जब सेना ने पत्र
भेजकर भाषाई मीडिया की ‘पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग’ के बारे में बताया। वे जमीन पर
गए।
और सनातन धर्म उन्मूलन सम्मेलन के आयोजकों के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश देने
की मांग वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के चीफ
जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने सीनियर वकील दामा शेषाद्री
नायडू की याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। वकील जी बालाजी के माध्यम से
दायर याचिका में यह घोषणा करने की मांग की गई कि 2 सितंबर को आयोजित सनातन धर्म
उन्मूलन सम्मेलन में राज्य के मंत्रियों की भागीदारी असंवैधानिक थी और यह भारत के
संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 का उल्लंघन है।
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ज्ञानवापी मस्जिद के चल रहे सर्वेक्षण के दौरान खोजी गई हिंदू धर्म से संबंधित सभी
ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण वस्तुओं को जिला मजिस्ट्रेट को सौंपने का आदेश दिया।
जिला अदालत ने जिला मजिस्ट्रेट या उनके द्वारा नामित व्यक्ति को इन वस्तुओं की
सुरक्षा करने और आवश्यकता पड़ने पर अदालत को उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया।
प्रश्नगत स्थल से जो भी वस्तुएँ एवं सामग्रियाँ प्राप्त हों, जो इस मामले के तथ्यों
से संबंधित हों या हिंदू धर्म और पूजा पद्धति से संबंधित हों या ऐतिहासिक या
पुरातात्विक दृष्टिकोण से इस मामले से संबंधित हों, उन्हें सौंप दिया जाए।
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वह महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष हो, मणिपुर हिंसा हो या अनुच्छेद 370 के तहत
याचिका, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ
याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इसमें जम्मू-कश्मीर को लेकर अनुच्छेद 370 पर याचिका
की सुनवाई के दौरान एक वकील ने बड़ा आरोप लगाया। सुप्रीम कोर्ट आम आदमी की बात नहीं
सुनता। आम लोगों की शिकायतें नहीं सुनी जातीं। अधिवक्ताओं ने दावा किया कि संविधान
पीठ केवल हित की याचिकाओं पर सुनवाई करती है।