हरियाणा में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर विराम लगता दिखाई दे रही है। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सीट बंटवारे पर आम सहमति तक पहुंचने में विफल रहे हैं, जिससे गठबंधन पर बातचीत लगभग खत्म हो गई है। सूत्रों ने बताया कि आम आदमी पार्टी 50 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और रविवार को अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करेगी। जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस द्वारा आप की मांगें नकारने के बाद गठबंधन की बातचीत पटरी से उतर गई।
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आप हरियाणा में चुनाव लड़ने के लिए 10 सीटों की मांग कर रही थी, जिसे सबसे पुरानी पार्टी ने अस्वीकार कर दिया। विशेष रूप से, पहले यह बताया गया था कि राहुल गांधी आप के साथ गठबंधन करने के इच्छुक थे क्योंकि आम चुनावों में उनके गठबंधन ने राज्य में भाजपा को एक और क्लीन स्वीप नहीं होने दिया था। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 9 सीटों पर जबकि आम आदमी पार्टी ने 1 सीट पर चुनाव लड़ा था। 9 में से कांग्रेस 5 सीटें जीतने में कामयाब रही। आप ने जिस एकमात्र सीट पर चुनाव लड़ा था वह हार गई।
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कहा यह भी जा रहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं। कथित तौर पर उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व के समक्ष भी अपना विचार व्यक्त किया है। हरियाणा में लोकसभा चुनाव में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन था, जहां कांग्रेस ने उसे कुरुक्षेत्र सीट की पेशकश की थी। हालांकि, AAP के सुशील गुप्ता बीजेपी के नवीन जिंदल से 29,021 वोटों से हार गए। कुल मिलाकर, AAP को 3.94 प्रतिशत वोट मिले।
हुड्डा विशेष रूप से कांग्रेस-आप गठबंधन को लेकर परेशान हैं क्योंकि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय पार्टी जिन सीटों की मांग कर रही है उनमें वे सीटें भी शामिल हैं जहां से उनके उम्मीदवार हैं। सूत्रों के हवाले से बताया कि इन सीटों में जिंद, पिहोवा और कलायत शामिल हैं। कांग्रेस-आप के बीच प्रस्तावित सीट बंटवारे से न सिर्फ हुड्डा खेमा नाराज है। कथित तौर पर कुछ मौजूदा विधायकों को टिकट देने से इनकार करने के अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) नेतृत्व के फैसले से भी हुड्डा खेमे के नेता नाराज हैं।