सूरजमुखी की फसल की खरीद में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं मिलने का विरोध कर रहे हरियाणा के किसानों ने आज दिल्ली जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया। किसानों तका दावा है कि वे मुख्यमंत्री द्वारा घोषित राहत से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कुरुक्षेत्र जिले के पिपली गांव में आयोजित एक ‘महापंचायत’ में राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर यातायात को अवरुद्ध करने का निर्णय लिया। भीड़भाड़ से बचने के लिए ट्रैफिक को दिल्ली-चंडीगढ़ रूट पर डायवर्ट किया गया है।
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हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम हाईवे को ब्लॉक नहीं कर रहे हैं। यह सही नहीं है, राजमार्गों को अवरुद्ध नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी केवल दो मांगें हैं, हिरासत में लिए गए किसानों को रिहा करें और एमएसपी पर सूरजमुखी के बीज खरीदना शुरू करें। हम सरकार के साथ चर्चा करने को तैयार हैं।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसान महापंचायत में पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा कि हम यहां किसानों का समर्थन करने आए हैं। हम भी किसान परिवारों से आते हैं। हम उन किसानों के साथ खड़े रहेंगे जो सड़कों पर खड़े हैं। किसान आंदोलन के दौरान भी हम किसानों के साथ खड़े थे।
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मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भावांतर भरपाई योजना (बीबीवाई) के तहत 36,414 एकड़ में उगाई गई सूरजमुखी के लिए 8,528 किसानों को अंतरिम ‘भरपाई (राहत)’ के रूप में शनिवार को डिजिटल रूप से 29.13 करोड़ रुपये जारी किए। राज्य सरकार ने इस साल की शुरुआत में बीबीवाई के तहत सूरजमुखी की फसल को शामिल करने की घोषणा की थी, एक ऐसी योजना जिसके माध्यम से वह किसानों को एमएसपी से नीचे बेची गई उपज के लिए एक निश्चित मुआवजे का भुगतान करती है। राज्य सरकार एमएसपी से नीचे बिकने वाली सूरजमुखी की फसल के लिए योजना के तहत अंतरिम सहायता के रूप में 1,000 रुपये प्रति क्विंटल दे रही है।