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हरियाणा ने समान प्रकृति के कार्य वाले विभागों का विलय, पुनर्गठन किया

हरियाणा मंत्रिमंडल ने बुधवार को समान प्रकृति के काम वाले कुछ विभागों के विलय और पुनर्गठन को मंजूरी दे दी।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इसका उद्देश्य इन विभागों के कामकाज में तालमेल बिठाकर काम को सुव्यवस्थित करना और प्रशासनिक दक्षता में सुधार करना है।
बयान में कहा गया कि निदेशालय, सेवाएं और प्राधिकरण पहले की तरह ही काम करते रहेंगे और वरिष्ठता संबंधी कानूनी मुद्दों से बचने के लिए वर्तमान में किसी भी कर्मचारी संवर्ग का विलय नहीं किया जाएगा।

बयान के मुताबिक, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में यहां हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार, अब नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभागों का विलय विद्युत विभाग में कर दिया गया है और इसे ऊर्जा विभाग के नाम से जाना जाएगा।
बयान के मुताबिक, इसी प्रकार अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग का विलय किया गया है और इसे अब सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण और अंत्योदय विभाग के रूप में जाना जाएगा।

इसमें कहा गया, ‘‘इलेक्ट्रॉनिक और आईटी उद्योग सभी प्रकार की औद्योगिक गतिविधियों से मजबूती से जुड़ा हुआ है। इसलिए, राज्य सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को भंग करने तथा इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और निजी आईटी को उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के दायरे में लाने का फैसला किया है।’’
इसी तरह, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का ‘‘उच्च शिक्षा विभाग’’ नाम से एक एकल विभाग में विलय कर दिया गया है।
मंत्रिमंडल ने कई अन्य विभागों का भी विलय किया है।

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