कोलकाता। भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी विपक्षी गठबंधन के लिए ‘बोझ’ बन गए हैं। उन्होंने दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के हाथों हार के बाद कई विपक्षी दलों को मान्यता खोने का जोखिम हो सकता है। पूर्व केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन से उत्पन्न हुई आशंकाओं को दूर करने की कोशिश करते हुए कहा, मुसलमानों सहित एक भी भारतीय नागरिक नए कानून से प्रभावित नहीं होगा और उन्होंने विपक्ष पर देशभर में सांप्रदायिक संघर्ष और भ्रम पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में नकवी ने विपक्षी दलों, विशेषकर कांग्रेस के प्रति जनता के बीच विश्वास की व्यापक कमी का हवाला देते हुए, लगातार तीसरी बार भाजपा सरकार की निर्णायक जीत का पूर्वानुमान जताया। उन्होंने विपक्षी गठबंधन इंडिया की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें सुसंगत नेतृत्व और नीतियों का अभाव है, गठबंधन का आंतरिक संघर्ष और महत्वाकांक्षाएं इसकी प्रभावशीलता में बाधा बन रही हैं।
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उन्होंने कहा विपक्षी गठबंधन इंडिया उनके सहयोगियों के लिए एक चुनौती है, भाजपा के लिए नहीं। उनके बीच बहुत संघर्ष और भ्रम है क्योंकि न तो कोई नेतृत्व है और न ही कोई स्पष्ट नीति है। हर किसी की प्रधानमंत्री पद की महत्वाकांक्षा है। लोग कांग्रेस की रिमोट -नियंत्रित सरकार नहीं चाहते। विपक्ष के भीतर नेतृत्व संकट के संबंध में नकवी ने राहुल गांधी को विपक्षी गठबंधन इंडिया के लिए एक ‘बोझ’ बताया और कहा कि विपक्ष की हताशा उनकी बयानबाजी में स्पष्ट है। उन्होंने कहा राहुल गांधी विपक्षी गठबंधन इंडिया के लिए बोझ हैं। अब सन्निकट हार पर उनकी उदासी उनके दुर्व्यवहारों के माध्यम से दिखाई दे रही है जो उनकी हताशा को दर्शाता है। इंडिया गुट किसी भी तरह से भाजपा के लिए चुनौती नहीं है।
नकवी ने कहा कि चुनाव के बाद, कई राजनीतिक दलों को वोटों की कम संख्या के कारण अपनी मान्यता बनाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा, देश ने अपना रुख स्पष्ट कर लिया है कि वे उन राजनीतिक दलों को हराएंगे जो सुशासन की राह में बाधाएं पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, लोकसभा चुनाव के बाद कई राजनीतिक दल अपनी मान्यता बनाए रखने के लिए निर्वाचन आयोग केचक्कर लगाएंगे (क्योंकि प्राप्त वोट मान्यता के लिए निर्धारित मानदंडों से बहुत कम होंगे)। जनता दल (यूनाइटेड) और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) जैसे पूर्व सहयोगियों के साथ छोड़ने पर विपक्षी गठबंधन का मजाक उड़ाते हुए नकवी ने कहा कि ‘‘कांग्रेस वंशवाद, प्रतिनियुक्ति (किसे वे तय करेंगे) और हुक्म (जो उनकी इच्छा के अनुसार काम करेगा) के गुण के आधार पर शासन करना चाहती है।
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पूर्व मंत्री ने सीएए के साथ ही राष्ट्रीय नागरिक पंजी(एनआरसी) के कार्यान्वयन की अटकलों को लेकर उत्पन्न विपक्ष की चिंताओं को खारिज करते हुए इन्हें राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक तनाव भड़काने के उद्देश्य से भय फैलाने वाली रणनीति बताया। विपक्ष पर सीएए को लेकर झूठे प्रचार के साथ देश में सांप्रदायिक भ्रम पैदा करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए नकवी ने दावा किया मुसलमान सहित अल्पसंख्यकों का हर वर्ग भारत में सुरक्षित है। सीएए किसी की भी नागरिकता छीनने के लिए नहीं है। यह पड़ोसी देशों के प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए है।