Breaking News

शाही मस्जिद ईदगाह के सर्वेक्षण में एएसआई विशेषज्ञ को शामिल करने की मांग पर सुनवाई 20 जनवरी को

मथुरा जनपद के श्रीकृष्ण जन्मभूमि—ईदगाह विवाद में मंगलवार को अखिल भारत हिन्दू महासभा की ओर से दीवानी न्यायाधीश सीनियर डिवीजन (तृतीय) की अदालत में याचिका दाखिल कर अदालत द्वारा अमीन से मौका मुआयना के समय वास्तविक जानकारी प्राप्त करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के विशेषज्ञ को भी शामिल करने की मांग की गई। अदालत ने इस पर सुनवाई के लिए 20 जनवरी की तिथि नियत की है।

वादी अखिल भारत हिंदू महासभा के कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा के अधिवक्ता एडवोकेट दीपक देवकीनन्दन शर्मा ने बताया कि याची का आरोप है कि ईदगाह की इमारत में अनेक सनातन धर्मी प्रतीक चिन्ह मौजूद थे, जिन्हें मुस्लिम मतावलंबियों ने नष्ट करने का प्रयास किया है। उन्हें या तो मिटा दिया गया है, अथवा जिन पत्थरों पर इस प्रकार के चिन्ह उत्कीर्ण थे, उन्हें मरम्मत के नाम पर पलट कर लगा दिया गया है।
इसके अलावा अमीन इन मामलों का विशेषज्ञ नहीं होने के कारण उन चिन्ह और उस काल के पत्थरों को भी भली प्रकार से पहचान नहीं सकते।

इसलिए ऐसे समय उन्हें सभी तथ्यों का ज्ञान कराने के लिए एएसआई के अधिकारियों का होना भी जरूरी है। जो विशेषज्ञ होने के नाते वास्तविकता का खुलासा करते जाएंगे। तभी अदालत के समक्ष सही जानकारी पहुंचना संभव हो सकेगा।
शर्मा ने बताया कि अदालत ने इस याचिका की भी सुनवाई के लिए 20 जनवरी तय की है। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व सोमवार को दिनेश शर्मा अपनी ओर से अदालत में अर्जी दाखिल कर अमीन के मौका मुआयने व यथास्थिति रिपोर्ट पेश किए जाने के समय खुद भी उपस्थित रहने की अनुमति मांग चुके हैं।

एक अन्य मामले में वादी शिशिर चतुर्वेदी ने जिला जज की अदालत में याचिका दाखिल कर सीनियर डिवीजन द्वितीय की अदालत में चल रहे मामले को दीवानी न्यायाधीश सीनियर डिवीजन (तृतीय) की अदालत में स्थानांतरित किए जाने की मांग की।
वादी के पैरोकार अधिवक्ता गोपाल खंडेलवाल ने बताया कि हालांकि प्रतिवादी इंतजामिया कमेटी के सचिव एवं अधिवक्ता तनवीर अहमद आदि ने इसका विरोध किया किंतु जब उन्होंने इस तथ्य पर विचार कर बहस करने को कहा कि जब उस अदालत में उसी प्रकृति के अन्य वाद चल रहे हैं तो उन्हें किस आधार पर रोके जाने का प्रयास किया जा रहा है।
इस पर उन्होंने अपना विरोध वापस ले लिया और सुनवाई के लिए उनका वाद स्वीकृत कर लिया गया। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए इस मामले में भी 20 जनवरी तय की है।

Loading

Back
Messenger