आज सुबह हुए वायनाड भूस्खलन में मृतकों के शवों को नीलांबुर तालुक अस्पताल लाया गया। कुल 93 शव बरामद किये गये हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि वायनाड में हुआ भूस्खलन एक दिल दहला देने वाली आपदा है। वहां बहुत भारी बारिश हुई। पूरा इलाका नष्ट हो गया है। हमने अब तक 93 शव बरामद किए हैं, लेकिन संख्या बदल सकती है। 128 लोग घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है। भूस्खलन की घटना के बाद यहां के एक स्वास्थ्य केंद्र में शवों की कतार के बीच लोग अपने प्रियजनों को ढूंढते नजर आए। परिजनों के शव देखकर जहां कुछ लोग फूट-फूटकर रोने लगे, वहीं किसी अपने का शव इनमें ना पाकर उनके सकुशल होने की आस में कुछ ने राहत की सांस ली। वायनाड जिले के मेप्पाडी गांव के एक स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मंगलवार को कुछ ऐसा ही दृश्य देखने को मिला।
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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने भूस्खलन की घटनाओं को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से बातचीत की तथा उन्हें बचाव एवं राहत प्रयासों में राज्य के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया और पड़ोसी की सहायता के लिए तत्काल एक दल भेजने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने तमिलनाडु के अधिकारियों को राहत गतिविधियों के लिए पड़ोसी राज्य को पांच करोड़ रुपये जारी करने का निर्देश दिया और अधिकारियों को केरल में बचाव तथा राहत कार्य में मदद के लिए एक बचाव दल भेजने का निर्देश दिया।
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भारतीय सेना की सहायता मांगी। एक रक्षा जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) ने बताया कि 122 इन्फैंट्री बटालियन (टीए) मद्रास’ के सेकेंड-इन-कमांड के नेतृत्व में 43 कर्मियों की एक टीम को बचाव प्रयासों में सहायता के लिए तैनात किया गया है। इस टीम में एक चिकित्सा अधिकारी, दो जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) और 40 सैनिक शामिल हैं, जो प्रभावित क्षेत्र में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करेंगे।