गुजरात में गांधीनगर के रायसन गांव में वृंदावन बंगला-2 सोसाइटी के निवासियों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां हीराबेन सादगी की प्रतिमूर्ति थीं। प्रधानमंत्री की मां होने के बावजद वह हमेशा सुर्खियों से दूर रहीं।
हीराबेन का 99 साल की उम्र में शुक्रवार तड़के अहमदाबाद के एक अस्पताल में निधन हो गया।
वह गुजरात की राजधानी के बाहरी इलाके में स्थित रायसन में प्रधानमंत्री मोदी के छोटे भाई पंकज मोदी के साथ रहती थीं।
उनके पड़ोसियों ने बताया कि हीराबेन सबके साथ घुलमिल जाती थीं और सभी त्योहारों में शामिल होती थीं।
उनके पड़ोसियों में से एक कीर्तिबेन पटेल ने कहा, ‘‘हीराबेन यहां लगभग सात साल तक रहीं और हम उनसे लगभग रोजाना मिलते थे। वह बहुत विनम्र और सरल स्वभाव की महिला थीं और मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि मैंने आज अपनी मां को खो दिया। उन्होंने हमेशा आशीर्वाद की बौछार की। इस सोसायटी में हम सबके लिए वह राजमाता की तरह थीं।’’
एक अन्य निवासी धाराबेन पटेल ने कहा कि हीराबा उनके परिवार के सदस्य की तरह थीं और उन्होंने हमेशा समाज में रहने वाले सभी लोगों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखे।
बगल की सोसाइटी में रहने वाले रमेश प्रजापति ने कहा कि हीराबा प्रधानमंत्री की मां होने के बावजूद एक आम इंसान की तरह रहती थीं।
प्रजापति ने कहा, ‘‘वह हमेशा सादे जीवन में विश्वास करती थीं और सभी के साथ घुलमिल जाती थीं। वह सभी त्योहारों में भाग लेती थीं। हीराबा निवासियों से गरीब लोगों के प्रति दयालु होने का आग्रह करती थीं।’’
कोकिलाबेन पटेल ने हीराबा की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि ‘‘बा’’ हमेशा एक साधारण जीवन जीती थीं और दीवाली के दौरान उनसे मिलने वाले सभी लोगों को आशीर्वाद देती थीं।
सोसायटी के अध्यक्ष हसमुख पटेल ने कहा कि यह हर निवासी के लिए गर्व की बात है कि हीराबा वहां रहती थीं।
उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ मैं ही नहीं, पूरा समाज आज बहुत दुख में है। हम सभी को इस बात पर गर्व है कि हमें हीराबा के साथ रहने का मौका मिला। उन्होंने हमेशा हम सभी पर अपना आशीर्वाद बरसाया।