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हेमंत सोरेन को 22 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 13 दिनों तक ED ने की पूछताछ

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गुरुवार को एक विशेष पीएमएलए अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में थे। पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि हेमंत सोरेन को आज विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया और उन्हें 22 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। हम उनके लिए जमानत याचिका दायर करेंगे।

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सोरेन को अदालत से रांची की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है. उन्हें 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह ईडी की हिरासत में हैं। अदालत ने शुरू में पांच दिनों की ईडी हिरासत दी, जिसे बाद में कुल सात दिनों के लिए दो बार बढ़ाया गया। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोप लगाया कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन धनशोधन जांच में घोर असहयोगपूर्ण रवैया दिखा रहे हैं। केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि सोरेन कथित तौर पर अपने द्वारा अर्जित की गई भूमि के बारे में जानकारी देने के इच्छुक नहीं हैं। ईडी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के 48 वर्षीय नेता को न्यायाधीश राजीव रंजन की विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत के समक्ष पेश किया, जिसने उनकी ईडी हिरासत तीन दिन के लिए और बढ़ा दी।

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एजेंसी ने पूर्व में आरोप लगाया था कि जांच शुरू होने के बाद जमीन का उक्त टुकड़ा राजकुमार पाहन नाम के एक व्यक्ति को वापस कर दिया गया था। इसने कहा कि सोरेन सहयोग नहीं कर रहे हैं और अपने से जुड़ी संपत्तियों के बारे में जानकारी देने के लिए तैयार नहीं हैं और इसलिए उनकी ईडी हिरासत बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। एजेंसी ने कहा कि मामले में सात फरवरी को तलाशी ली गई और नए सबूत सामने आए हैं।

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