मनाली में 10 जुलाई को उफनती ब्यास नदी में बही पंजाब रोडवेज की बस के 11 यात्रियों की तलाश अब भी जारी है। इस बीच, हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में पब्बर नदी से रविवार को उन तीन लोगों के शव बरामद किए गए, जो अचानक आई बाढ़ में सड़क किनारे अपने भोजनालय के साथ बह गए थे।पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि 10 जुलाई को मनाली में बह गई पंजाब राज्य परिवहन निगम की बस के 11 यात्रियों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। ये सभी लोग उत्तर प्रदेश के थे और उन्होंने मनाली के लिये नौ जुलाई को बस ली थी।
इस बीच, शिमला जिले में पब्बर नदी से रविवार को उन तीन लोगों के शव बरामद कर लिये गए, जो अचानक आई बाढ़ में सड़क किनारे अपने भोजनालय के साथ बह गए थे, इनमें एक दंपति और उनका पोता शामिल है।
शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने पीटीआई-को बताया कि पुलिस ने उनके शव बरामद कर लिये हैं, जो शनिवार को अपने भोजनालय के साथ बह गये थे।
उन्होंने बताया कि रोशन लाल और उनकी पत्नी भागा देवी गांव में एक ढाबा चलाते थे और जब त्रासदी हुई तो उनका पोता कार्तिक उनसे मिलने आया हुआ था।
उन्होंने बताया कि तीनों शनिवार को शिमला जिले के रोहड़ू के एक गांव में लैला नदी में अचानक आई बाढ़ में अपने ढाबे के साथ बह गए थे।
इस बीच, कुल्लू पुलिस के अनुसार पेप्सू पथ परिवहन निगम (पीआरटीसी) की बस का मलबा शनिवार को मनाली में ब्यास नदी के बीच में एलो (आलू) मैदान के ग्रीन टैक्स बैरियर से 300 मीटर नीचे मिला था। उन्होंने बताया कि 11 यात्रियों की तलाश जारी है।
कुल्लू की पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा ने पीटीआई-को बताया, ‘‘हमें 11 लापता यात्रियों की सूची मिली है। वे सभी उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। उनके बारे में यह माना जा रहा है कि उस वक्त वह बस में थे जब वह बह गयी, और लापता लोगों की तलाश के लिये अभियान जारी है।
पानी में तेज बहाव होने के कारण बस को बाहर नहीं निकाला जा सका है। पीआरटीसी के अधिकारियों ने बस की पहचान की है जो चंडीगढ़ के सेक्टर 34 स्थित बस अड्डे से नौ जुलाई को मनाली के लिये चली थी और 10 जुलाई को मनाली के निकट यह बह गयी।
कुल्लू और मंडी जिलों में बाढ़ के बाद ब्यास नदी में बस, ट्रक और हल्के वाहनों के डूब जाने, नदी के किनारे बने घरों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और पार्किंग स्थलों के बह जाने के कई वीडियो वायरल हुए।
गांधी ने कहा कि शिमला जिले में अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है, 26 घायल हुए हैं और चार अब भी लापता हैं और चालू मानसून सत्र में लगभग 88 घर, 47 वाहन और आठ पशु शेड क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिस, प्रशासन और अन्यShimla विभिन्न टीमों ने 44 बचाव अभियानों में 150 से अधिक लोगों को बचाया है।
स्थानीय मौसम कार्यालय ने रविवार को 25 और 26 जुलाई को अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की ऑरेंज चेतावनी और 24 और 27 जुलाई को भारी बारिश की येलो चेतावनी जारी की।
हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। नाहन में 46 मिमी बारिश हुई, इसके बाद जट्टन बैराज (सिरमौर) में 45 मिमी, भरमौर में 35 मिमी, सोलन में 34 मिमी और गुलेर में 32 मिमी बारिश हुई।
राज्य आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली के अनुसार, 24 जून से अब तक चल रहे मानसून के मौसम के दौरान सड़क दुर्घटनाओं के अलावा भूस्खलन, अचानक बाढ़ और बादल फटने जैसी बारिश से संबंधित घटनाओं में 158 लोगों की मौत हो गई है।
बाढ़ के कारण प्रदेश को 5,115 करोड़ रुपये की क्षति हुयी है। बाढ़ के कारण करीब 700 सड़कों को यातायात के लिये बंद कर दिया गया है।
शनिवार को यहां जारी एक बयान के अनुसार, 7 से 14 जुलाई तक राज्य में 426 प्रतिशत से अधिक बारिश दर्ज की गई है और 24 जून से भूस्खलन की 5,480 घटनाएं, 14 बादल फटने और 83 अचानक बाढ़ की घटनाएं दर्ज की गई है।