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Himachal के मंत्रियों ने फिजूलखर्ची करने के Anurag Thakur के आरोपों को किया खारिज

रुपये उधार लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार के फिजूलखर्ची करने संबंधी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के आरोप को खारिज करते हुए राज्य के दो मंत्रियों ने सोमवार को कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा छोड़े गये ऋण की अदायगी के लिए कर्ज लिया गया।
एक संयुक्त बयान में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और ग्रामीण विकास मंत्री अनिरूद्ध सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अनुराग ठाकुर से पहले पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर उंगली उठाने को कहा, जिसने केंद्र से उधार लेने की सारी सीमाएं पार कर दी।

उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खु नीत कांग्रेस सरकार ने जयराम ठाकुर सरकार द्वारा लिये गये ऋण की अदायगी के लिए कर्ज लिया है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने राज्य को 75,000 करोड़ रुपये के कर्ज के बोझ तले छोड़ दिया।
राज्य के दोनों मंत्रियों ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर वित्तीय कुप्रंधन करने औरव्यर्थ का खर्च करने का आरोप लगाया, जिसने राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार दिया।

मंत्रियों ने कहा कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व हिमाचल को अपना दूसरा घर बताता है, लेकिन वे लोगों के कल्याण के लिए राज्य के वास्ते विशेष पैकेज लेने में पूरी तरह से नाकाम रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि पूर्ववर्ती सरकार ने अपने शासनकाल के अंतिम महीनों में, चुनाव को ध्यान में रखते हुए राज्य में 920 से अधिक संस्थान खोलने और उनका उन्नयन करने की घोषणा की थी।

उन्होंने कहा कि राज्य को इन संस्थानों के सुगमता से कामकाज करने के लिए 5,000 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ती, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने इन कार्यालयों के उपयुक्त रूप से कामकाज करने के लिए वित्तीय प्रावधान नहीं किया।
मंत्रियों ने आरोप लगाया कि ये सभी संस्थान किसी बजटीय प्रावधान के बगैर केवल चुनाव को ध्यान में रखते हुए खोले गये और उन्नयन किये गये।

उन्होंने कहा कि भाजपा शासन की बगैर सोचे समझे और व्यर्थ के खर्च के चलते मौजूदा सरकार कर्ज लेने के लिए मजबूर हुई।
इससे पहले, एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने राज्य सरकार पर फिजूलखर्ची के लिए रुपये उधार लेने का आरोप लगाया था।

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