शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिमला में क्षतिग्रस्त शिव मंदिर से मंगलवार को दो और शव बरामद होने के बाद समर हिल तथा फागली में भूस्खलन के बाद मिले शवों की संख्या बढ़कर 16 हो गयी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि भूस्खलन, बादल फटने और भारी बारिश के कारण मकान ढहने जैसी घटनाओं में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 53 हो गयी है।
अधिकारियों ने बताया कि शिमला के समरहिल और फागली में 10 से अधिक लोगों के अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है।
शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और पुलिस तथा राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) एवं सेना ने सुबह करीब छह बजे समरहिल में बचाव अभियान फिर से शुरू किया।
उन्होंने बताया कि भारी वर्षा के बाद सोमवार रात को बचाव अभियान स्थगित कर दिया गया था।
उन्होंने बताया कि सोमवार से अब तक बरामद कुल 16 शवों में से 11 शिव मंदिर से बरामद किए गए तथा पांच फागली से बरामद किए गए।उन्होंने बताया कि शिव मंदिर वाली जगह पर 10 और लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है लेकिन इस संख्या की पुष्टि नहीं की गयी है।
सोमवार सुबह करीब सवा सात बजे जब मंदिर में भूस्खलन हुआ तो सावन महीने के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु वहां मौजूद थे।
इस बीच, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने भारी बारिश से हिमस्खलन होने तथा सड़कों के बाधित हो जाने के मद्देनजर अध्यापन गतिविधियां निलंबित कर दी हैं।
मंगलवार को विश्वविद्यालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार,‘ अध्यापक एवं शिक्षणेत्तर कर्मी अपनी ड्यूटी पर आम दिनों की तरह आयेंगे।
मंडी जिले में सोमवार को वर्षा जनित घटनाओं में 19 लोगों की जान चली गयी। वहां के उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने पीटीआई-को यह जानकारी दी।
यहां समर हिल के समीप भूस्खलन की चपेट में 50 मीटर लंबा पुल आ जाने के कारण, यूनेस्को विश्व धरोहर शिमला-कालका रेलवे लाइन क्षतिग्रस्त हो गयी।
स्टेशन मास्टर जोगिंदर सिंह ने बताया कि शिमला से करीब छह किलोमीटर पहले समर हिल के पास कंक्रीट का पुल पूरी तरह नष्ट हो गया तथा पांच या छह स्थानों पर इस धरोहर रेल मार्ग को क्षति पहुंची तथा सबसे अधिक नुकसान शिमला एवं शोघी के बीच हुआ है।
राज्य में 12 में से 11 जिलों में 857 सड़कों पर यातायात अवरुद्ध है तथा 4,285 ट्रांसफार्मर और 889 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हैं। कुल्लू जिले से सूचना अभी प्राप्त नहीं हुई है।
राज्य आपात अभियान केंद्र के अनुसार, 22 जून से 14 अगस्त तक मानसून के दौरान हिमाचल प्रदेश को 7,171 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
राज्य में मानसून के दौरान बादल फटने तथा भूस्खलन की कुल 170 घटनाएं हुई हैं और करीब 9,600 मकान आंशिक रूप से या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं।