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शिमला । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हिमाचल प्रदेश इकाई ने अपने सहयोगियों को कथित तौर पर जंगली मुर्गा खाने की सलाह देने वाले बयान को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की आलोचना करते हुए उनसे माफी की मांग की है। इस बीच, सुक्खू ने भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि वह स्वास्थ्य कारणों से तैलीय और मांसाहारी भोजन नहीं खाते हैं। उन्होंने कहा कि गांवों में मांसाहारी व्यंजन खाना जिंदगी जीने का एक तरीका है और विपक्षी नेता इसे बेवजह ही मुद्दा बना रहे हैं। इंटरनेट पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें सुक्खू कहते हुए नजर आ रहे हैं, ‘‘इनको दो जंगली मुर्गा, हमे थोड़ी खाना है।’’
इसके बाद सुक्खू अपने सहयोगियों से पूछते हैं कि क्या वे यह व्यंजन खाना चाहेंगे। भाजपा ने इसी वीडियो को लेकर सुक्खू पर निशाना साधा है। यह वीडियो शिमला जिले के दूरदराज के टिक्कर इलाके में बनाया गया था, जहां मुख्यमंत्री शुक्रवार रात स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शैंडी और अन्य अधिकारियों के साथ रात्रि भोज कर रहे थे। इस रात्रि भोज में ही यह व्यंजन परोसा गया था। भाजपा प्रवक्ता एवं प्रदेश सोशल मीडिया प्रभारी चेतन बरागटा ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा, ‘‘जंगली मुर्गा एक लुप्तप्राय प्रजाति है जिसे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम-1972 और वन्यजीव (संरक्षण) संशोधन अधिनियम 2022 की पहली अनुसूची में सूचीबद्ध किया गया है। इस प्रजाति का शिकार करना और खाना अवैध है।’’
इस बीच, विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने कहा कि जंगली मुर्गा का शिकार करने और उसे खाने पर कारावास और जुर्माने का प्रावधान है। ठाकुर ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि उन्होंने न केवल इस व्यंजन को रात्रि भोज के मेनू में शामिल कराया, बल्कि अपने सहयोगियों को भी इसे खाने के लिए प्रोत्साहित किया। धर्मशाला से भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि सीआईडी अभी भी इस बात की जांच कर रही है कि समोसा जांच रिपोर्ट किसने लीक की, वहीं जंगली मुर्गा परोसने को लेकर एक और विवाद सामने आया है। शर्मा ने वन विभाग से इस मामले में कार्रवाई करने को कहा।
सुक्खू ने भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए एक वीडियो में कहा, ‘‘गांव वालों ने रात के खाने में चिकन परोसा, लेकिन मैंने मना कर दिया क्योंकि मैं इसे नहीं खाता और अब जय राम ठाकुर इसे मुद्दा बना रहे हैं।’’ उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘मैं स्वास्थ्य संबंधी कारणों से तैलीय और मांसाहारी भोजन नहीं करता हूं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी नेताओं के पास कोई वास्तविक मुद्दा नहीं है और वे केवल ग्रामीणों की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। एक लुप्तप्राय प्रजाति होने के बावजूद जंगली मुर्गी का शिकार करना और उसे खाना राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में एक आम बात है।