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शिमला । हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वक्फ बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता होनी चाहिए क्योंकि धार्मिक निकायों सहित हर संगठन को समय के साथ सुधार करना चाहिए। हिमाचल प्रदेश में मस्जिदों के कथित अवैध निर्माण और एक विशेष समुदाय से संबंधित बाहरी लोगों के प्रवेश के खिलाफ स्थानीय निवासियों द्वारा सड़कों पर उतरने के बाद राज्य की राजधानी शिमला और नाहन जिले के शिलाई में विरोध प्रदर्शन हुए। कांग्रेस की एक बैठक में भाग लेने से पहले यहां मीडियाकर्मियों से बात करते हुए लोक निर्माण मंत्री सिंह ने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार का कर्तव्य है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें हर संगठन में पारदर्शिता लानी होगी और वक्फ बोर्ड में भी पारदर्शिता होनी चाहिए… बोर्ड के वित्तीय लेनदेन, भूमि बैंक और भूमि आवंटन को सार्वजनिक किया जाना चाहिए।’’ मंत्री ने कहा, ‘‘राज्य में आंतरिक सुरक्षा और शांति बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन भूमि आवंटन पर लोग सवाल उठा रहे हैं।’’
राज्य में मस्जिदों के कथित अनधिकृत निर्माण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और प्रवासियों के सत्यापन की मांग का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘जिस तरह की स्थिति बनी हुई है, मेरा मानना है कि समय के साथ हर संगठन, ट्रस्ट और धार्मिक निकायों में बदलाव और सुधार होने चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अभी भी याद है कि जब मेरे पिता वीरभद्र सिंह 1984 में मुख्यमंत्री थे तो भीमा काली ट्रस्ट मंदिर, जो हमारी निजी संपत्ति थी, को पारदर्शिता सुनिश्चित करने और ऑडिट के लिए सरकारी प्रशासन के अधीन लाया गया था।