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Uddhav Thackeray पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, बजट में घोषित सभी योजनाएं स्थायी हैं

छत्रपति संभाजीनगर/नागपुर । महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे पर पलटवार करते हुए कहा कि राज्य के हालिया बजट में घोषित सभी योजनाएं स्थायी हैं क्योंकि ‘‘उनके लिए प्रावधान किए गए हैं।’’ इन योजनाओं के तहत महिलाओं को तीन मुफ्त गैस सिलेंडर और मासिक सहायता प्रदान किया जाना है। शिंदे की यह प्रतिक्रिया उद्धव के उस बयान के जवाब में आयी जिसमें उन्होंने रविवार को आरोप लगाया कि एकनाथ शिंदे सरकार की ‘मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना’ महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए है और यह योजना दो-तीन महीनों में बंद हो जाएगी। 
शिंदे ने नागपुर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये और सालाना 18,000 रुपये देने की योजना, साथ ही तीन सिलेंडर मुफ्त देना बहनों के लिए रक्षा बंधन का उपहार है। किसानों के बिजली बिल माफ करने की योजना भी स्थायी है। सभी (मौद्रिक) प्रावधान किए गए हैं। यह लंबे समय तक चलने वाली योजना है।’’ पिछले सप्ताह विधानसभा में पेश किए गए बजट में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने राज्य विधानसभा चुनाव से पहले रियायतों की घोषणा की। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है। 
पवार ने मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना (महिलाओं को तीन मुफ्त सिलेंडर देने का लक्ष्य), मुख्यमंत्री युवा कार्यक्रम प्रशिक्षण योजना, मुख्यमंत्री कृषि पंप योजना के साथ-साथ मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना (जिसमें 21-60 उम्र वर्ग की पात्र महिलाओं को 1500 रुपये का मासिक भत्ता मिलेगा) और महिलाओं को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने की योजना की घोषणा की। उन्होंने छत्रपति संभाजीनगर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए किसानों के बिजली बिल माफ करने की सरकार की घोषणा के अनुरूप कृषि ऋण माफ करने की अपनी मांग दोहराई। उद्धव ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर महाराष्ट्र में जातियों के बीच दरार पैदा करने का आरोप लगाया। 
पूर्व मुख्यमंत्री ने मांग की कि केंद्र अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के हितों को नुकसान पहुंचाए बिना मराठाओं और अन्य समुदायों को आरक्षण देने के लिए संसद में एक कानून पारित करके आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा को बढ़ाए। उन्होंने कहा, ‘‘कई योजनाएं शुरू की जा रही हैं। यह चुनाव से पहले महिला मतदाताओं को लुभाने की एक चाल है। योजनाएं केवल दो-तीन महीने के लिए हैं। उनकी (सत्तारूढ़ गठबंधन) सरकार वापस नहीं आएगी और अगर वह लौटती भी है, तो इसके बाद योजनाएं बंद कर दी जाएंगी।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इन योजनाओं की आड़ में अपने पापों को छिपाने की कोशिश कर रही है। पिछले सप्ताह विधानसभा में पेश किए गए बजट में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य विधानसभा चुनाव से पहले रियायतों की घोषणा की। राज्य में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है।

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