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उम्मीद है कि सरकार राजनीतिक कैदियों की रिहाई की अपनी नीति पर पुनर्विचार करेगी : Omar Farooq

श्रीनगर । हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक ने शुक्रवार को उम्मीद जताई कि सरकार “मानवीय दृष्टिकोण” अपनाकर राजनीतिक कैदियों की रिहाई की अपनी नीति पर पुनर्विचार करेगी और कुछ नरमी दिखाएगी। फारूक को चार सप्ताह के बाद यहां ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज अदा करने की अनुमति दी गई। मीरवाइज ने नमाज के बाद पत्रकारों से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि केंद्र की “नयी सरकार” घाटी के हालात को समझेगी और ऐसी पहल करेगी, जिनसे स्थायी शांति कायम करने में मदद मिले। 
उन्होंने कहा, “हुर्रियत कांफ्रेंस हमेशा से कहती रही है कि बातचीत से ही हल निकल सकता है और हमने इसके लिए कष्ट झेले हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर के कई युवा एवं राजनीतिक कैदी अब भी जेल में हैं। उन्होंने कहा, “नौकरियों और पासपोर्ट के लिए सत्यापन की प्रक्रिया भी जटिल हो गई है और मुझे लगता है कि सरकार को इन पहलुओं पर कुछ नरमी दिखाने की जरूरत है। हम उम्मीद करते हैं कि सरकार अपनी नीति में बदलाव लाते हुए कुछ नरमी दिखाएगी और मानवीय तथा यथार्थवादी दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ेगी।

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