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केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को संसद को बताया कि 2019 से वंदे भारत ट्रेनों पर पथराव से हुए नुकसान के कारण रेलवे को 55 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। वैष्णव ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि ऐसी घटनाओं के जवाब में, पथराव में शामिल 151 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। किसी यात्री की जान जाने या किसी यात्री के सामान की चोरी या क्षति की कोई घटना सामने नहीं आई है। उन्होंने विस्तार से बताया कि वर्ष 2019, 2020, 2021, 2022 और 2023 (जून तक) के दौरान, पथराव की घटनाओं में वंदे भारत ट्रेनों को हुए नुकसान के कारण भारतीय रेलवे को 55.60 लाख रुपये का नुकसान हुआ।
रेल मंत्री ने कहा कि यात्रियों के जीवन की सुरक्षा और बर्बरता के खिलाफ रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए, आरपीएफ, जीआरपी/जिला पुलिस और नागरिक प्रशासन के समन्वय से, लोगों को पथराव और उसके परिणामों के खिलाफ जागरूक करने के लिए रेलवे पटरियों से सटे इलाकों में ऑपरेशन साथी चला रहा है। जनता को आंदोलन से उत्पन्न होने वाले परिणामों के बारे में जागरूक किया जा रहा है, जिससे इन आंदोलनों के दौरान रेलवे संपत्ति को नुकसान हो सकता है। ट्रेन एस्कॉर्टिंग पार्टियों को संवेदनशील वर्गों/स्थानों पर अधिक सतर्क रहने के लिए संवेदनशील बनाया गया है, जहां ट्रेनों में तोड़फोड़ की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इससे पहले राज्यसभा में कहा था कि रेलवे में विगत पांच साल में सिग्नल फेल होने के 13 मामले सामने आए हैं, लेकिन इंटरलॉकिंग सिग्नल प्रणाली में खराबी के कारण कोई घटना नहीं हुई। रेल मंत्री वैष्णव ने दो जून को ओडिशा के बालासोर में हुई रेल दुर्घटना को लेकर विभिन्न सदस्यों के सवालों के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बालासोर दुर्घटना में 295 यात्रियों की जान चली गई और 176 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्होंने कहा, ‘‘ सिग्नल सर्किट-ऑल्टरेशन में चूक के कारण और इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर के प्रतिस्थापन से संबंधित सिग्नलिंग कार्य के निष्पादन के दौरान पीछे से टक्कर हुई थी। इन खामियों के कारण ट्रेन संख्या 12841 को गलत सिग्नल दिया गया…।’’