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PM Modi के मॉरीशस दौरे से Vision Sagar को कितना मिलेगा बल? प्रभासाक्षी के सवाल पर MEA ने दिया जवाब

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेने के लिए 11 और 12 मार्च को मॉरीशस की यात्रा करेंगे। भारतीय रक्षा बलों की एक टुकड़ी और भारतीय नौसेना का एक जहाज इस समारोह में भाग लेंगे। भारत और मॉरीशस के बीत अच्छे संबंध हैं। 2015 में मॉरीशस में ही प्रधानमंत्री ने मिशन सागर- क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास को स्पष्ट किया था। इसी को लेकर प्रभासाक्षी ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री से बड़ा सवाल किया।
 

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प्रभासाक्षी के संपादक नीरज दूबे ने पूछा कि नरेन्द्र मोदी के मॉरीशस यात्रा के तहत मिशन सागर को लेकर नया क्या होने वाला है? इसके जवाब में विक्रम मिस्री ने कहा कि जो समझौते इस यात्रा के दौरान किए जाएंगे इनमें व्हाइट शिपिंग इन्फॉर्मेशन के शेयरिंग को लेकर टेक्निकल एग्रीमेंट किए जाएंगे। यह काफी महत्वपूर्ण हैं जो सागर विजन को आने ले जाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि 2015 के बाद से प्रधानमंत्री की यह पहली मॉरीशस यात्रा है। 
विक्रम मिस्री ने कहा कि मॉरीशस के साथ हमारे संबंध, निश्चित रूप से, साझा इतिहास, संस्कृति और बहुत मजबूत और मजबूत लोगों के बीच संबंधों पर आधारित हैं जो कई शताब्दियों पहले से चले आ रहे हैं; मॉरीशस हिंद महासागर में हमारे प्रमुख भागीदारों में से एक है। 2015 में मॉरीशस में ही प्रधानमंत्री ने मिशन सागर- क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास को स्पष्ट किया था। उन्होंने बताया कि इस यात्रा की एक खास बात यह है कि पीएम मोदी मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे। 
 

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मिस्री ने बताया कि राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर भारतीय रक्षा बलों की एक टुकड़ी समारोह में भाग लेगी। भारतीय नौसेना का एक जहाज भी वहां मौजूद रहेगा। इसके अलावा, भारतीय वायु सेना की आकाश गंगा स्काईडाइविंग टीम भी समारोह में भाग लेगी। पश्चिमी हिंद महासागर में स्थित मॉरीशस के साथ भारत के घनिष्ठ एवं दीर्घकालिक संबंध हैं। विशेष संबंधों का एक प्रमुख कारण यह तथ्य है कि मॉरीशस की 12 लाख की आबादी में लगभग 70 प्रतिशत भारतीय मूल के लोग हैं। भारत 2005 से मॉरीशस के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक रहा है।
 

भारत का सागर विजन, जिसका मतलब है क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास, 2015 में लॉन्च किया गया था। इस शब्द का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंद महासागर के द्वीप राज्यों सेशेल्स, मॉरीशस और श्रीलंका की अपनी यात्रा के दौरान किया था। इस दृष्टिकोण को इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (आईओआरए) में एक मुख्य भाषण के दौरान विस्तृत किया गया, जहाँ मोदी ने कहा, “हिंद महासागर क्षेत्र के लिए हमारा दृष्टिकोण हमारे क्षेत्र में सहयोग को आगे बढ़ाने और हमारे साझा समुद्री घर में सभी के लाभ के लिए अपनी क्षमताओं का उपयोग करने में निहित है”। 

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