समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा कि वह अपने कार्यकाल के दौरान हार्वर्ड विश्वविद्यालय द्वारा कुंभ मेला अध्ययन पर एक पुस्तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेंट करेंगे। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि उन्होंने पहले आदित्यनाथ को सजावट के उद्देश्य से पुस्तक का अंग्रेजी संस्करण भेजा था, लेकिन अब वह हिंदी संस्करण भेजेंगे ताकि वह वास्तव में इसे पढ़ सकें। यादव ने कहा कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा कुंभ पर अध्ययन स्पीकर के माध्यम से सीएम को भेजा गया था…यह अंग्रेजी में था। उन्होंने कहा कि मैं उन्हें पढ़ने के लिए हिंदी में एक भेज रहा हूं।
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इससे पहले अखिलेश ने एक्स पर लिखा था कि अच्छी किताब पढ़ना होती है अच्छी आदत, सीखकर इससे पाएं आयोजन की महारत। उन्होंने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को जब बताया तब ये समाचार प्रकाश में आया कि प्रयागराज में गंगा जी का ‘जल मल संक्रमित’ है। लखनऊ में सदन के पटल पर इस रिपोर्ट को झूठ साबित करते हुए कहा गया कि सब कुछ ‘नियंत्रण’ में है। दरअसल लखनऊवालों का मतलब था ‘प्रदूषित पानी’ के समाचार को फैलने से रोकने के लिए मीडिया पर नियंत्रण है। जनता पूछ रही है कि ‘न्यायालय की अवमानना’ की तरह किसी पर ‘सरकारी बोर्ड या प्राधिकरण की अवमानना’ का मुक़दमा हो सकता है क्या? यूपीवाले पूछ रहे हैं : दिल्ली-लखनऊ के बीच ये चल क्या रहा है?
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि संगम का जल स्नान और आचमन दोनों के योग्य पाया गया है। उन्होंने विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए खासतौर से सपा प्रमुख अखिलेश यादव, उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। बजट सत्र के दूसरे दिन विधानसभा में शून्यकाल में समाजवादी पार्टी के सदस्यों की कार्यस्थगन की मांग (नियम-56 के तहत सदन की कार्यवाही रोक कर चर्चा कराने की मांग) के दौरान आरोपों का जवाब देते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा,‘‘उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड लगातार जल की गुणवत्ता की निगरानी कर रहा है तथा ताजा रिपोर्ट के अनुसार, संगम का जल स्नान और आचमन दोनों के योग्य पाया गया है।’’